भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने JM Financial पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है, जिससे यह स्टॉक अब फोकस में आ गया है। आरबीआई ने पहले शेयरों और डिबेंचर के आधार पर लोन देने पर रोक लगा दी थी, जिसमें शेयरों की इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) और डिबेंचर की सदस्यता के आधार पर लोन की मंजूरी और वितरण शामिल था। अब इस निर्णय से JM Financial के शेयरों में तेजी आने की संभावना है।
नई दिल्ली: दिग्गज इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म JM Financial के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कंपनी पर लगे बैन को हटा दिया है। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने शुक्रवार को देर रात एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी को अब सभी लागू कानूनों और विनियमों के अनुपालन में शेयरों और डिबेंचर के बदले वित्तपोषण देने की इजाजत मिल गई है। इस विकास के बाद JM Financial का स्टॉक अब फोकस में है, और सोमवार को इसमें बढ़त की पूरी संभावना है।
मार्च में लगा था प्रतिबंध
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मार्च में JM Financial को शेयरों और डिबेंचर के आधार पर लोन देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बैन में शेयरों की इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) और डिबेंचर की सदस्यता के आधार पर लोन की मंजूरी और वितरण शामिल था। यह बैन ब्रोकरेज के नेतृत्व वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के लीडिंग बिजनेस पर प्रभाव डाल रहा था। अब जब यह प्रतिबंध हटा लिया गया है, तो JM Financial के लिए नए अवसर खुल सकते हैं।
RBI ने पाई थीं कुछ गंभीर कमियां
केंद्रीय बैंक ने अपने आदेश में कहा था कि IPO फाइनेंसिंग और नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) सब्सक्रिप्शन के लिए JM Financial द्वारा जारी लोन के संबंध में कुछ गंभीर कमियां पाई गई थीं। RBI की ओर से जारी प्रेस रिलीज में उल्लेख किया गया कि कंपनी ने अपने ग्राहकों के समूह को ऋण राशि का उपयोग करके कई IPO और NCD पेशकशों के लिए बार-बार बोली लगाने में मदद की। यह स्थिति कंपनी की वित्तीय प्रथाओं पर सवाल उठाती थी, जिसके चलते RBI ने इस पर प्रतिबंध लगाया था। अब जब यह बैन हटा लिया गया है, तो JM Financial के लिए संभावनाएं फिर से खुल गई हैं।
कंपनी ने ऋणदाता और उधारकर्ता दोनों के रूप में भूमिका निभाई
कंपनी ने ऋणदाता और उधारकर्ता दोनों के रूप में काम किया, जिससे बड़ी गड़बड़ हुई। क्रेडिट अंडरराइटिंग लापरवाह पाई गई, और निवेश मामूली मार्जिन पर किया गया था। सदस्यता आवेदन, डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट, सभी को कंपनी ने बाद के कार्यों में ग्राहकों की सहमति के बिना संचालित किया था। यह सब ग्राहकों से प्राप्त पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) और मास्टर एग्रीमेंट के उपयोग के माध्यम से हुआ। इस तरह, कंपनी ने कई मामलों में ऋणदाता और उधारकर्ता दोनों की भूमिका निभाई।
सोमवार को JM Financial के शेयरों में तेजी की उम्मीद
पिछले हफ़्ते शुक्रवार को, JM Financial के शेयर 2.3% बढ़कर 159.60 के लेवल पर बंद हुए. यह बढ़ोतरी बाजार में गिरावट के बावजूद हुई है, और पिछले एक महीने में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया है. इस दौरान शेयर की कीमत 26% से ज़्यादा बढ़ी है! 6 महीने की अवधि में निवेशकों को 95% से ज़्यादा का रिकॉर्ड रिटर्न मिला है, और एक साल में इसने 83% का मुनाफा दिया है. आरबीआई के हालिया फैसले के बाद, सोमवार को भी शेयरों में तेजी आने की पूरी संभावना है।