Market Outlook: ग्लोबल ट्रेंड्स और मैक्रोइकोनॉमिक डेटा से तय होगी इस हफ्ते बाजार की दिशा, एक्सपर्ट्स की भविष्यवाणी

Market Outlook: ग्लोबल ट्रेंड्स और मैक्रोइकोनॉमिक डेटा से तय होगी इस हफ्ते बाजार की दिशा, एक्सपर्ट्स की भविष्यवाणी
Last Updated: 10 नवंबर 2024

बाजार का आउटलुक: कम कारोबारी सत्रों वाले हफ़्ते में शेयर बाजार की दिशा क्या होगी? इस हफ़्ते, शेयर बाजार में कुछ प्रमुख कारकों के कारण उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सितंबर तिमाही के नतीजे, मैक्रोइकोनॉमिक डेटा, ग्लोबल ट्रेंड, और विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

इस हफ़्ते शेयर बाजार का रुख: क्या होगा? इस हफ़्ते शेयर बाजार की दिशा कई अहम कारकों पर निर्भर करेगी। कम कारोबारी दिनों के बावजूद, बड़े आर्थिक आंकड़े, सितंबर तिमाही के नतीजे, विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ, और वैश्विक रुझान बाजार को प्रभावित करेंगे। विश्लेषकों का मानना है कि ये सभी कारक शेयर बाजार की चाल तय करेंगे।

इस हफ़्ते शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के कारण शेयर बाजार बंद रहेगा। पिछले हफ़्ते बीएसई सेंसेक्स में 237.8 अंक या 0.29% और निफ्टी में 156.15 अंक या 0.64% की गिरावट आई थी। इस हफ़्ते आने वाले आंकड़ों और घटनाओं पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है। बाजार की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए विश्वसनीय सूत्रों का इस्तेमाल करना भी जरूरी है।

इस हफ़्ते आने वाले हैं ये आंकड़े

बाजार रहेगा नज़र महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाओं और दूसरी तिमाही की कमाई के बाद, बाजार का ध्यान अब प्रमुख आर्थिक आंकड़ों (मैक्रोइकोनॉमिक डेटा) और अंतिम परिणामों पर केंद्रित होगा। इस हफ़्ते, बैंक ऑफ़ इंडिया, बीईएमएल, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, अपोलो टायर्स और ब्रेनबीज सॉल्यूशंस जैसे बड़े नाम अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित करेंगे। इन आंकड़ों पर बारीकी से नज़र रखना ज़रूरी होगा क्योंकि ये कंपनियों की वित्तीय स्थिति और आर्थिक विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। ये नतीजे बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।

एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं?

भारतीय शेयर बाजार में आने वाले हफ़्ते कई महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा जारी होने वाले हैं जो बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना ने बताया कि 12 नवंबर को भारत में सीपीआई और आईआईपी के आंकड़े जारी होंगे, जबकि 14 नवंबर को डब्ल्यूपीआई का डेटा जारी होगा। 13 नवंबर को अमेरिका में मुद्रास्फीति की रिपोर्ट आने वाली है, जो फेडरल रिजर्व के आगामी नीति निर्णयों को प्रभावित कर सकती है। मीना ने कहा कि अमेरिकी बांड यील्ड और डॉलर इंडेक्स का प्रदर्शन भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पलका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा, बाजार का रुख भारत के सीपीआई, औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण उत्पादन और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ ही अमेरिका के सीपीआई, कोर सीपीआई, प्रारंभिक बेरोजगारी दावे, ब्रिटेन के जीडीपी आंकड़ों और चीन के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से प्रभावित होगा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, भारतीय बाजार में कमजोरी का प्रमुख कारण एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) द्वारा लगातार बिकवाली है, जो इस महीने भी जारी है। वहीं, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का मानना है कि मिले-जुले वैश्विक संकेतों और कमजोर तिमाही परिणामों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त, वैश्विक तेल कीमतों में बदलाव और रुपया-डॉलर विनिमय दर भी बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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