अगले सप्ताह शेयर बाजार पर RBI की मॉनिटरी पॉलिसी, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के रिजल्ट्स और पांच प्रमुख कारकों का असर रहेगा, जो मार्केट को दिशा देंगे।
Stock Market: बजट पेश होने के बाद शनिवार को शेयर बाजार में कोई खास हलचल नहीं देखी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलानों से निवेशकों को ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं, जिससे बाजार ने मामूली बदलाव दिखाया। निफ्टी 26 अंकों की गिरावट के साथ 23,318 पर बंद हुआ, वहीं सेंसेक्स महज 5 अंक ऊपर चढ़कर समाप्त हुआ। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार का ट्रेंड अब भी सकारात्मक बना हुआ है।
निफ्टी के लिए अहम लेवल्स
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नागराज शेट्टी के मुताबिक, निफ्टी को 23,500-23,600 के स्तर पर रजिस्टेंस का सामना हो सकता है। यदि यह स्तर पार हो जाता है, तो निफ्टी जल्दी ही 24,000 के स्तर को छू सकता है। वहीं, नीचे की ओर 23,300 का स्तर सपोर्ट प्रदान करेगा। निवेशकों को इन स्तरों पर खास ध्यान रखना होगा।
बजट के प्रभाव से सेक्टर्स में हलचल
बजट के दिन शेयर बाजार में अधिक हलचल नहीं दिखी, लेकिन आगामी दिनों में इसके असर का संकेत मिल सकता है। नई कर व्यवस्था के तहत सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की घोषणा की है, जिससे उपभोक्ता खर्च बढ़ने की संभावना है। इस बदलाव का फायदा एफएमसीजी, ऑटो और कंज्यूमर-आधारित सेक्टर्स को हो सकता है।
RBI की नीति बैठक से उम्मीदें
इस सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक होगी। बाजार में चर्चा है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जो बाजार पर असर डाल सकता है। यह बैठक नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की पहली बैठक होगी, जिससे बैठक के बाद नए दिशा-निर्देश मिल सकते हैं।
कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार को प्रभावित करेंगे
इस हफ्ते 748 कंपनियां अपने तिमाही (Q3) नतीजे जारी करेंगी, जिनमें प्रमुख कंपनियां जैसे एशियन पेंट्स, टाइटन, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, दिविस लैब्स, टाटा पावर, स्विगी, एसबीआई, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ओल इंडिया शामिल हैं। यदि इन कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर आए, तो बाजार में उछाल देखने को मिल सकता है, विशेषकर बैंकिंग और एफएमसीजी सेक्टर की कंपनियों के नतीजों पर निगाहें रहेंगी।
विदेशी और घरेलू निवेशकों का प्रभाव
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) का निवेश बाजार की दिशा तय करेगा। जनवरी में FII ने भारतीय शेयर बाजार से 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की थी, जिससे बाजार पर दबाव बना। अगर विदेशी निवेशक अपनी बिकवाली जारी रखते हैं, तो बाजार कमजोर हो सकता है। वहीं, DII यदि खरीदारी जारी रखते हैं, तो बाजार को सपोर्ट मिल सकता है।
रुपये और डॉलर का असर
जनवरी के आखिरी सप्ताह में भारतीय रुपया स्थिर रहा, हालांकि डॉलर की मांग और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण कोई बड़ी मजबूती नहीं देखी गई। आगे की दिशा अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और विदेशी निवेशकों के एक्शन पर निर्भर करेगी। अगर रुपये में और कमजोरी आती है, तो यह विदेशी निवेशकों की बिकवाली को बढ़ा सकता है, जिससे बाजार दबाव में आ सकता है।