Ex Deputy CM of Punjab: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता को मिली कड़ी सजा, आखिर क्या थी उनकी गलती?

Ex Deputy CM of Punjab: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता को मिली कड़ी सजा, आखिर क्या थी उनकी गलती?
Last Updated: 1 दिन पहले

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त द्वारा जूते और जूठे बर्तन साफ करने की सजा सुनाई गई है। यह सजा उन्हें अकाल तख्त के आदेश के खिलाफ जाने और उनके द्वारा किए गए बर्ताव के कारण दी गई हैं।

अमृतसर: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने कड़ी सजा सुनाई है, जिसके तहत उन्हें स्वर्ण मंदिर अमृतसर में 'सेवादार' के रूप में सेवा करने और जूठे बर्तनों और जूतों की सफाई करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को भी यही सजा सुनाई गई है। यह सजा अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 'फसील' (मंच) से ऐलान किया।

इस सजा के बाद शिरोमणि अकाली दल की कार्यसमिति ने सुखबीर बादल से पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा लेने की मांग की है। यह कदम उस समय उठाया गया जब सुखबीर बादल और अन्य नेताओं के खिलाफ धार्मिक भावना और आस्थाओं से जुड़ी कथित गलतियां और विवाद सामने आए थे, जिसके कारण अकाल तख्त ने यह सजा सुनाई।

सुखबीर सिंह बादल को मिली जूते और जूठे बर्तन साफ करने की सजा

सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को यह स्वीकार किया था कि अकाली दल की सरकार के दौरान उन्होंने डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में अपनी भूमिका निभाई थी। इस बयान के बाद अकाल तख्त में पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें सुखबीर बादल और शिरोमणि अकाली दल सरकार के अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों में सजा सुनाई गई।

अकाल तख्त ने पहले ही सुखबीर सिंह बादल को 'तनखैया' (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित कर दिया था। इस फैसले के बाद सुखबीर और अन्य नेताओं को स्वर्ण मंदिर में 'सेवादार' के रूप में सेवा करने, जूठे बर्तन और जूतों की सफाई करने जैसी सजा दी गई। यह कदम धार्मिक आस्थाओं के उल्लंघन और गलत फैसलों को लेकर अकाल तख्त की ओर से उठाया गया था।

कौन कौन है सजा में शामिल और उनको क्या करना होगा काम?

सुखबीर सिंह बादल और अन्य शिरोमणि अकाली दल नेताओं को अकाल तख्त द्वारा दी गई सजा में कई कठोर निर्देश शामिल हैं। सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल के पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से 'फख्र-ए-कौम' की उपाधि भी वापस ले ली जाएगी। इसके अलावा, सुखबीर बादल और सुखदेव ढिंढसा को एक घंटे तक बर्तनों और जूतों की सफाई करने के साथ-साथ 'कीर्तन' सुनने का भी आदेश दिया गया हैं।

अकाल तख्त ने अन्य अकाली नेताओं जैसे सुचा सिंह लांगा, हीरा सिंह गैब्रिया, बलविंदर सिंह भुंदर, दलजीत सिंह चीमा और गुलजार सिंह को स्वर्ण मंदिर में बाथरूम की सफाई करने और इसके बाद गुरु का लंगर सेवा में बर्तनों की सफाई करने का निर्देश दिया है। इन नेताओं को एक घंटे तक कीर्तन सुनने का भी आदेश दिया गया हैं।

इसके अलावा, कुछ अन्य नेताओं को भी स्वर्ण मंदिर में बाथरूम की सफाई करने के लिए कहा गया है, जिनमें बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रेखड़ा, बिक्रम सिंह मजीठिया, महेश इंदर सिंह ग्रीनवाल, चरणजीत सिंह अटवाल और आदेश प्रताप सिंह कैरों शामिल हैं। सुखबीर बादल ने अपनी कुछ गलतियों को स्वीकार किया, जिनमें 2007 में ब्लास्फेमी केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ़ी देने का मामला और 2015 में पवित्र पुस्तक अपमान मामले में दोषियों को सजा नहीं देना शामिल था।

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