खाद्य महंगाई का असर त्योहारों की खुशियों पर भी पड़ रहा है। हाल के कुछ समय में खाने-पीने की वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं। विशेषकर आलू, टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों के भाव काफी बढ़ गए हैं। दालों और खाद्य
तेलों की कीमतों में भी जोरदार वृद्धि देखने को मिली है। इन सभी चीजों के दाम पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुके हैं।
New Delhi: खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें निम्न आय वर्ग के लोगों के त्योहार का आनंद खराब कर रही हैं। खाने-पीने की चीजों पर अधिक खर्च होने के कारण कम आय वाले उपभोक्ता जरूरी वस्तुओं की खरीदारी को टालने पर मजबूर हो रहे हैं, जिसका असर तेजी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की खरीद पर भी पड़ सकता है।
त्योहारों के दौरान आलू, प्याज, टमाटर, घी और तेल जैसी चीजों का इस्तेमाल बढ़ जाता है, लेकिन इन सभी की कीमतें पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक हो गई हैं। सब्जियों के दाम तो पिछले साल की तुलना में 36 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं।
जानें अक्टूबर के थोक भाव
वस्तु | अक्टूबर 2023 (प्रति क्विंटल) | अक्टूबर 2024 (प्रति क्विंटल)
आलू 3,000 रुपये 3,400 रुपये
प्याज 2,750 रुपये 4,500 रुपये
टमाटर 2,400 रुपये 8,000 रुपये
सरसों तेल 12,800 रुपये 13,374 रुपये
अरहर 9,392 रुपये 10,800 रुपये
घी 61,500 रुपये 70,000 रुपये
इस तालिका में पिछले साल और इस साल अक्टूबर महीने में विभिन्न वस्तुओं के थोक भावों की तुलना की गई है। देखा जा सकता है कि अधिकांश वस्तुओं में मूल्य वृद्धि हुई है, विशेषकर टमाटर और प्याज की कीमतों में।
स्त्रोत: एजीमार्कनेट (सरकारी पोर्टल)
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 9.24 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसका मतलब है कि पिछले साल सितंबर के मुकाबले खाने-पीने की चीजें 9.24 प्रतिशत महंगी हो चुकी हैं। इसी साल अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.66 प्रतिशत थी। कृषि वस्तुओं की दैनिक थोक कीमतों को दर्शाने वाली सरकारी वेबसाइट एजीमार्कनेट के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल अक्टूबर में प्याज की थोक कीमतों में 2000 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, आलू के थोक दाम में प्रति क्विंटल 400 रुपए और टमाटर के थोक दाम में 5600 रुपए की तेजी देखी जा रही है।
दाल की थोक कीमत पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल अक्टूबर में 10 प्रतिशत बढ़ गई है। इस महीने विभिन्न प्रकार के गेहूं की औसत थोक कीमतों में 11-17 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। त्योहारों के दौरान सरसों के तेल और घी का उपयोग भी अधिक होता है, और इन दोनों की कीमतें भी बढ़ गई हैं।
महंगाई ने उपभोक्ताओं को किया परेशान
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में वर्ष 2022 की तुलना में 14 प्रतिशत की कमी आई थी। हालांकि, इस साल सितंबर में खाद्य तेल की कीमतें 2.5 प्रतिशत बढ़ गई हैं। दाल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं और पिछले साल की तुलना में उनमें 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
पिछले साल अक्टूबर में ही दाल के दाम में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में 60 प्रतिशत से अधिक लोग प्रतिमाह केवल 10-30 हजार रुपए तक कमाते हैं। इस स्थिति में त्योहारों के दौरान उनकी कमाई का अधिकांश हिस्सा खाद्य पदार्थों पर ही खर्च हो रहा है।