WGC ने कहा है कि इस वर्ष भारत में 850 टन सोने की खपत होने का अनुमान है, जबकि 2023 में भारत में 750 टन सोने की खपत हुई थी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, पिछले तिमाही में सोने पर लगाई गई उच्च आयात शुल्क के कारण इसकी मांग में कमी देखी गई थी।
New Delhi: भारत में इस साल सोने की खपत पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ने का अनुमान वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने व्यक्त किया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, बेहतर मानसून और सोने पर ड्यूटी में कमी के चलते डिमांड में वृद्धि होने की संभावना है। WGC ने बताया है कि भारत में इस वर्ष 850 टन सोने की खपत होने की उम्मीद है, जबकि 2023 में भारत में 750 टन सोने की खपत हुई थी।
इसका मतलब है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल देश में लगभग 13.5 प्रतिशत अधिक सोना खरीदा जा सकता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, इस साल भारत में सोने की डिमांड बढ़ाने में ज्वेलरी का सबसे बड़ा योगदान होगा।
गोल्ड पर आयात शुल्क में कमी का प्रभाव
WGC का अनुमान है कि जुलाई से सितंबर के बीच की तिमाही में भारत में सोने की मांग सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 230 टन तक पहुंच सकती है। सोने की मांग में यह वृद्धि का ट्रेंड चौथी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर में भी जारी रहने की संभावना है। इस दौरान दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहार आते हैं, जब सोने की बिक्री सबसे अधिक होती है। हालांकि, इस साल अप्रैल से जून तिमाही में सोने की मांग 5 प्रतिशत घटकर 158.1 टन रह गई थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, पिछले तिमाही में सोने पर लगाई गई उच्च आयात शुल्क के कारण इसकी मांग में कमी आई थी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि सरकार ने 23 जुलाई को आम बजट में सोने पर ड्यूटी को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। इसी के बाद से सोने की मांग में तेजी देखने को मिल रही है।
गोल्ड ETF की लोकप्रियता में हुई वृद्धि
WGC ने यह भी अनुमान लगाया है कि भारत में अब गोल्ड एक वित्तीय उपकरण के रूप में विकसित हो रहा है, क्योंकि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) की लोकप्रियता में वृद्धि हो रही है। हाल के दिनों में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। वर्तमान में भारत में केवल 50 टन गोल्ड ETF के माध्यम से रखा जाता है, लेकिन आने वाले वर्षों में इसके विस्तार की संभावना है।
नवंबर तक कीमतों में हो सकती है वृद्धि
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, नवंबर के पहले हफ्ते में जब अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव होगा, तब गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। भारत अपनी गोल्ड की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर है, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले किसी भी बदलाव का असर भारत में गोल्ड के दामों पर पड़ता है।