Gold Rule: सोने की खरीदारी-बिक्री पर टैक्स और चार्ज, जानें जरूरी जानकारी

Gold Rule: सोने की खरीदारी-बिक्री पर टैक्स और चार्ज, जानें जरूरी जानकारी
Last Updated: 2 दिन पहले

भारत में सोने को केवल शुभ माना जाता है, बल्कि यह निवेश का एक आकर्षक विकल्प भी है। जैसे-जैसे त्योहारों का मौसम नजदीक आता है, सोने की मांग में भी तेजी आती है। यदि आप सोना खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो जान लें कि सुनार आपसे कई प्रकार के टैक्स और चार्ज वसूल सकते हैं।

गोल्ड के लेन-देन के दौरान आपको विभिन्न खर्चों का ध्यान रखना होगा, जिसमें GST, making charges, और अन्य शुल्क शामिल हो सकते हैं। ये सभी खर्च आपके निवेश की कुल लागत को प्रभावित कर सकते हैं।

नई दिल्ली: जैसे ही फेस्टिवल सीजन शुरू होता है, सोने की मांग में तेजी जाती है। भारत में सोना खरीदना केवल एक परंपरा है, बल्कि इसे शुभ भी माना जाता है, खासकर धनतेरस के दिन। अगर आप भी सोने की खरीदारी करने का सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सोना खरीदने पर कौन-कौन से टैक्स लगते हैं और ज्वैलर्स किस तरह के चार्ज वसूलते हैं। इन सभी पहलुओं की जानकारी लेकर ही आप अपने गोल्ड खरीदारी के निर्णय को बेहतर बना सकते हैं।

लगते हैं ये टैक्स और चार्जिस

कस्टम ड्यूटी

भारत में सोने की मांग को पूरा करने के लिए इसे आयात किया जाता है। इस प्रक्रिया में सोने पर कस्टम ड्यूटी लगती है। पहले सोने पर कस्टम ड्यूटी 12.5 फीसदी थी, लेकिन अब भारत सरकार ने इसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया है।

जीएसटी

सोने के किसी भी आभूषण की खरीद पर जीएसटी का भुगतान करना अनिवार्य होता है। ग्राहक सोने की ज्वेलरी पर 3 प्रतिशत का टैक्स अदा करते हैं। इसके अलावा, सरकार के साथ-साथ एआईडीसी भी 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाता है। इसके साथ-साथ, मेकिंग चार्ज पर भी जीएसटी का भुगतान करना आवश्यक है।

 टीडीएस पर लेख

यदि आप 1 लाख रुपये से अधिक का सोना खरीदते हैं, तो आपको 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस (TDS) का भुगतान करना होगा। नोट: यह सभी टैक्स भौतिक सोने पर लागू होते हैं। यदि आप डिजिटल सोने, जैसे कि ईटीएफ और बॉंड में निवेश करते हैं, तो उस पर टैक्स और चार्ज अलग होते हैं।

क्या गोल्ड बेचने पर भी लगता है टैक्स?

फिजिकल गोल्ड की खरीदारी के साथ-साथ जब आप इसे बेचते हैं, तो टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। यह टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आप गोल्ड को कितने सालों के बाद बेच रहे हैं। यदि आप गोल्ड को तीन साल के भीतर बेचते हैं, तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स लगता है। वहीं, अगर आप गोल्ड को लंबे समय बाद बेचते हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स देना होगा, जो कि 20 प्रतिशत है। इसके अलावा, गोल्ड बेचने पर जीएसटी भी लागू होती है।

गोल्ड प्राइस क्या है?

त्योहारों के मौसम में सोने की कीमतों में वृद्धि देखी जाती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 7741 रुपये प्रति ग्राम है। दूसरी ओर, 22 कैरेट सोने की कीमत 7555 रुपये प्रति ग्राम है।

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