वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 622 पेज का नया इनकम टैक्स बिल पेश किया, जो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 1961 के पुराने एक्ट की जगह लेकर 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
New Income Tax Bill 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य मौजूदा आयकर कानून की जटिलताओं को दूर करना और इसे करदाताओं के लिए अधिक सरल बनाना है। पुराने आयकर कानून 1961 को हटाकर इसे लागू किया जाएगा। यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है और 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी हो सकता है।
622 पन्नों का नया टैक्स बिल
इस नए बिल में कुल 622 पन्ने हैं, जबकि पुराने 1961 के आयकर कानून में 880 पन्ने थे। इसमें कई सबसेक्शन हटाए गए हैं और अनावश्यक कानूनी प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है। इस नए कानून को 'इनकम टैक्स एक्ट, 2025' के नाम से जाना जाएगा।
पुराने और गैरजरूरी प्रावधान हटाए गए
पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटा दिया गया है। इससे टैक्स प्रणाली को पारदर्शी और अधिक स्पष्ट बनाया गया है। इस बदलाव से मुकदमेबाजी को कम करने और टैक्स मामलों को जल्द निपटाने में मदद मिलेगी।
आसान और स्पष्ट भाषा
नए कानून में जटिल कानूनी शब्दों को सरल बनाया गया है। उदाहरण के लिए, 'Notwithstanding' को 'Irrespective of anything' से बदला गया है। इससे आम करदाता को इसे समझने में आसानी होगी।
'असेसमेंट ईयर' की जगह 'टैक्स ईयर'
अब 'असेसमेंट ईयर' की जगह 'टैक्स ईयर' शब्द का उपयोग किया जाएगा। यह टैक्स ईयर 1 अप्रैल से 31 मार्च तक रहेगा। यदि कोई व्यवसाय बीच में शुरू होता है, तो उसका टैक्स ईयर उसी वित्त वर्ष में समाप्त होगा।
डिजिटल एसेट्स पर टैक्स
अब क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों को 'कैपिटल एसेट' की श्रेणी में रखा जाएगा और इन पर टैक्स लगाया जाएगा। इससे डिजिटल संपत्तियों की टैक्स व्यवस्था को लेकर स्पष्टता आएगी।
TDS और टैक्सेशन सिस्टम में बदलाव
TDS और प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन को टेबल फॉर्मेट में प्रस्तुत किया गया है। इससे करदाताओं को यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें कितना टैक्स देना है।
टैक्स विवादों के समाधान के लिए DRP (Dispute Resolution Panel)
टैक्स विवादों को शीघ्र सुलझाने के लिए DRP के फैसलों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी कम होगी और विवादों का त्वरित समाधान सुनिश्चित होगा।
पुराने टैक्स रिजीम का क्या होगा?
हालांकि सरकार नए टैक्स रिजीम को बढ़ावा दे रही है, लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था भी जारी रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि अभी पुरानी टैक्स प्रणाली को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है।
लंबित टैक्स असेसमेंट का समाधान
सरकार नए टैक्स कानून के तहत पुराने लंबित टैक्स असेसमेंट को समाप्त नहीं करेगी। उनका निपटारा पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही किया जाएगा।
टैक्स विवाद और मुकदमेबाजी में कमी
नए कानून में कई नियमों को सरल किया गया है, जिससे टैक्स विवादों और मुकदमेबाजी को कम किया जाएगा। इससे आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी लाभ होगा।
नए बिल को कानून बनने में कितना समय लगेगा?
यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है और अब इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति की सिफारिशों के बाद इसे पुनः संसद में पेश किया जाएगा। संसद से मंजूरी और राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद यह नया इनकम टैक्स कानून लागू हो जाएगा।