काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है, जो भैरव अष्टमी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस खास दिन भगवान शिव के रौद्र रूप और न्यायप्रिय देवता काल भैरव की पूजा-अर्चना का महत्व है। काल भैरव जयंती का आयोजन खासतौर पर उन भक्तों के लिए होता है जो अपने जीवन में सुधार और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं।
भैरव अष्टमी के दिन कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे संयम, साधना और सत्कर्मों का ध्यान रखना, ताकि आपके जीवन में सुख-शांति का वास हो सके। लेकिन इस दिन कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, क्योंकि इन कार्यों से आपकी किस्मत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं वे खास कार्य जिन्हें काल भैरव जयंती के दिन नहीं करना चाहिए ।
काल भैरव जयंती 2024
काल भैरव जयंती को पापों का नाश और शुभता लाने वाला माना जाता है। इस साल 2024 में काल भैरव जयंती 22 नवंबर को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर शुरू होगी। काल भैरव जी की पूजा निशा काल में यानी रात्रि को होती है, इसलिए 22 नवंबर को ही काल भैरव जयंती मनाई जाएगी। वहीं, अष्टमी तिथि 23 नवंबर की रात 7 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। इस दिन विशेष कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में जिन्हें काल भैरव जयंती के दिन करना शुभ नहीं माना जाता।
मांस और मदिरा न करें सेवन
काल भैरव जयंती के दिन पूजा में मांस और मदिरा का भोग भगवान काल भैरव को अर्पित किया जाता है। लेकिन इनका सेवन करना अशुभ माना जाता है। यदि आप इनका सेवन करते हैं, तो आपकी किस्मत रूठ सकती है और काल भैरव जी नाराज हो सकते हैं। इसलिए इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें।
गृहस्थ न करें तांत्रिक पूजा
गृहस्थ व्यक्तियों को काल भैरव की तांत्रिक पूजा से बचना चाहिए। तांत्रिक पूजा में छोटी सी चूक से पारिवारिक जीवन में परेशानियाँ आ सकती हैं और धन हानि भी हो सकती है।
छल-कपट न करें और असत्य न बोले
काल भैरव जी न्यायप्रिय भगवान हैं, इस दिन छल-कपट से बचें और सत्य बोलें। असत्य बोलने से आपके जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
जानवरों के साथ न करें दुर्व्यवहार
काल भैरव जी का वाहन कुत्ता है, और वह पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम करते हैं। इस दिन किसी भी जानवर के साथ दुर्व्यवहार से बचें और उन्हें भोजन दें, इससे शुभ फल मिलते हैं।
अपवित्रता से बचें
इस दिन विशेष रूप से पवित्रता बनाए रखें। स्नान और ध्यान करें, वासना जनित विचारों से बचें। इससे काल भैरव जी प्रसन्न होते हैं।
हिंसा करने से बचें
हिंसा करने से बचें और हिंसक विचारों को अपने मन में न आने दें। धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें या ध्यान का अभ्यास करें ताकि आपके मन में अच्छे विचार आ सकें।
बड़ों का अपमान न करें
काल भैरव जी उन लोगों से नाराज हो जाते हैं जो बड़े-बुजुर्गों का अपमान करते हैं। इसलिए इस दिन बड़ों का सम्मान करें और उनके साथ अच्छा व्यवहार करें।