Margashirsha Amavasya 2024: जानिए क्यों मानी जाती है अमावस्या की रात रहस्यमयी, क्या बढ़ जाता है बुरी शक्तियों का प्रभाव?

Margashirsha Amavasya 2024: जानिए क्यों मानी जाती है अमावस्या की रात रहस्यमयी, क्या बढ़ जाता है बुरी शक्तियों का प्रभाव?
Last Updated: 01 दिसंबर 2024

आज, 1 दिसंबर 2024, मार्गशीर्ष अमावस्या (Aghan Amavasya) है। इसे खासतौर पर धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह माह के अंत की ओर होने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के बाद आती है। इस दिन के दौरान पितरों के तर्पण, पूजा, स्नान और दान का विशेष महत्व है। साथ ही, यह दिन खासकर पितृ दोष निवारण के लिए उत्तम माना जाता है।

हालांकि, इस दिन की रात को लेकर कुछ रहस्यमयी मान्यताएँ भी प्रचलित हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, अमावस्या की रात को लेकर एक विशेष मान्यता है कि इस रात में नकारात्मक शक्तियों की सक्रियता बढ़ जाती है। इसके कारण कई लोग इस रात से डरते हैं और इसे "निशाचरी रात" या "काली रात" के रूप में देखते हैं।

अमावस्या की रात का रहस्य

अमावस्या की रात को "काली रात" कहा जाता है क्योंकि इस दिन चंद्रमा नहीं दिखाई देता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन और मानसिक स्थिति से जुड़ा माना गया है। जब चंद्रमा अदृश्य हो जाता है, तो यह मानसिक असंतुलन, भावुकता और नकारात्मक विचारों को बढ़ावा दे सकता है। इस समय लोग अपनी भावनाओं और मानसिक स्थिति से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे वे नकारात्मक शक्तियों का शिकार बन सकते हैं।

जानें क्यों इसे माना जाता है रहस्यमयी और खतरनाक?

अमावस्या के दिन विशेष रूप से जादू-टोना, तंत्र-मंत्र और साधना-सिद्धि के काम होते हैं। यह भी माना जाता है कि इस रात में बुरी शक्तियां सक्रिय हो सकती हैं, जिससे घर के वातावरण में नकारात्मकता आ सकती है। इसी कारण कई लोग इस रात को घर से बाहर निकलने में हिचकिचाते हैं।

अमावस्या पर किन कार्यों से बचना चाहिए?

अमावस्या की रात को खासकर कुछ कार्यों से बचना चाहिए, जिनसे नकारात्मकता आ सकती है:

अमावस्या की रात में श्मशान, कब्रिस्तान या अन्य सुनसान स्थानों पर जाना वर्जित है, क्योंकि इन जगहों पर तांत्रिक क्रियाएँ और बुरी शक्तियाँ सक्रिय हो सकती हैं।

इस रात बाल कटवाना और काले रंग के कपड़े पहनने की सलाह नहीं दी जाती है। यह नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकता है।

इस दिन मांसाहार, मदिरापान और मसूर की दाल, मूली, सरसों साग, चना दाल जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पितृ नाराज हो सकते हैं।

इस रात घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए, बल्कि घर के द्वार पर दीप जलाना चाहिए। यह नकारात्मकता से बचाव करने में मदद करता है और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

अमावस्या के दौरान क्या करें?

अगर इस दिन बुरे विचार आ रहे हैं, तो पूजा-पाठ करना चाहिए। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।

घर के प्रत्येक द्वार पर दीपक जलाना चाहिए, ताकि नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहें और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बने

मार्गशीर्ष अमावस्या को लेकर विभिन्न मान्यताएँ और धार्मिक दृष्टिकोण प्रचलित हैं, जो इसे एक खास रात बनाते हैं। इस दिन को लेकर लोग विशेष सतर्कता बरतते हैं, ताकि वे नकारात्मक शक्तियों से बच सकें और पितृ दोष से मुक्ति पा सकें। हालांकि यह समय थोड़ा रहस्यमयी और खतरनाक माना जाता है, लेकिन सही पूजा-पाठ और सकारात्मकता से इस रात को सुखद और शुभ बना सकते हैं।

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