रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का एक साल, 22 जनवरी को भव्य मंदिर में पूरा हो गया, और इस दौरान अयोध्या ने एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के बाद, रामनगरी की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। इस एक साल में ना केवल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई, बल्कि अयोध्या की अर्थव्यवस्था भी निखरी हैं।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और अयोध्या की पर्यटन वृद्धि
पिछले कुछ दशकों में, अयोध्या में प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या केवल 4-5 हजार हुआ करती थी, लेकिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह संख्या अब 1.5 से 2 लाख तक पहुँच गई है। श्रद्धालु न केवल रामलला के दर्शन के लिए आते हैं, बल्कि अयोध्या के अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण भी करते हैं। इससे अयोध्या के पर्यटन स्थल जीवित हो गए हैं और इन स्थलों की सुंदरता ने यहां के पर्यटन को नया जीवन दिया हैं।
व्यापार और अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार
अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी संख्या के चलते वहां के व्यापार में भी अविश्वसनीय वृद्धि हुई है। छोटे होटल-रेस्टोरेंट से लेकर बड़े औद्योगिक समूहों तक, जैसे रैडिसन, मैरिएट, ओबरॉय, और ताज, ने यहां अपने होटल खोले हैं। इन प्रतिष्ठानों के खुलने से अयोध्या में बड़े कारोबार की शुरुआत हुई है और लाखों रुपये का दैनिक कारोबार हो रहा है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा हैं।
अर्थव्यवस्था की गति में आई तेजी
योगी सरकार ने अयोध्या के विभिन्न पर्यटन स्थलों का सुंदरीकरण भी किया है, जिससे अयोध्या की नैसर्गिक आभा और भी आकर्षक हो गई है। अयोध्या में आने वाले लोगों के ठहरने और खाने-पीने के कारण स्थानीय व्यापारियों और कर्मचारियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है। यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब एक छोटे से व्यवसायी की आय जो पहले 500-600 रुपये होती थी, अब वह बढ़कर 1000-1500 रुपये तक पहुँच गई हैं।
रामलला की प्रतिष्ठा का एक साल
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल पूरे होने के इस मौके पर सोशल मीडिया पर #रामलला_प्राणप्रतिष्ठा ट्रेंड कर रहा है। लोग बधाइयाँ दे रहे हैं और देशवासियों को इस ऐतिहासिक पल की शुभकामनाएं भेज रहे हैं। यह एक ऐसा वर्ष रहा है जब अयोध्या ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अपनी पहचान बनाई हैं।
अयोध्या का भविष्य और विकास की दिशा
रामलला की प्रतिष्ठा का एक साल अयोध्या के लिए केवल एक शुरुआत है। आने वाले वर्षों में अयोध्या में और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यहां के पर्यटन स्थलों का और भी अधिक विकास होगा, साथ ही साथ अयोध्या को एक समृद्ध और विकसित धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में हुए बदलाव ने न केवल राम मंदिर की भव्यता को उभारा है, बल्कि अयोध्या की सामाजिक और आर्थिक धारा में भी एक नया मोड़ दिया है। एक साल में अयोध्या ने जो परिवर्तन देखा है, वह केवल एक शुरुआत है और आने वाले समय में इस शहर का भविष्य और भी उज्जवल होगा।