Sawan somwar २०२४: सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु

Sawan somwar २०२४: सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु
Last Updated: 19 अगस्त 2024

सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु

नई दिल्ली, 19 अगस्त 2024: सावन का महीना, जो हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, आज अपने अंतिम सोमवार को पहुंच गया। इस शुभ अवसर पर देशभर के शिवालयों में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, और चारों ओर "हर-हर महादेव" के जयकारों की गूंज सुनाई दी।

सावन के इस आखिरी सोमवार को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि यह दिन भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

भक्तों का उत्साह और पूजा-अभिषेक

सुबह से ही मंदिरों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। भक्तगण फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, और गंगाजल लेकर मंदिर पहुंचे और विधि-विधान से भगवान शिव का अभिषेक किया। शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और चीनी से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके साथ ही जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने की परंपरा निभाई गई।

पूजा-अर्चना के दौरान भक्तजन "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करते नजर आए। इस मौके पर महिलाओं और पुरुषों ने सफेद और केसरिया वस्त्र धारण किए हुए थे, जो भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माने जाते हैं। कई भक्तों ने व्रत रखा और पूरे दिन मंदिरों में शिवभक्ति में लीन रहे।

शिवालयों में भव्य आयोजन

देश के प्रमुख शिव मंदिरों जैसे कि काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी), महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन), बैद्यनाथ धाम (देवघर) और अमरनाथ (जम्मू और कश्मीर) में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। इन मंदिरों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और भगवान शिव के दर्शन किए। भक्तों ने पूजा के दौरान भगवान शिव से अपने और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि और रोगमुक्ति की कामना की।

दिल्ली के प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। मंदिर के पुजारी ने विशेष आरती का आयोजन किया और भगवान शिव की महिमा का बखान किया। इस दौरान भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया और भंडारे का आयोजन भी किया गया। भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया।

शिवभक्तों की आस्था और विश्वास

सावन का यह पावन माह विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं। पूरे माह के दौरान हर सोमवार को शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, लेकिन आखिरी सोमवार का महत्त्व कुछ अलग ही होता है। इस दिन किए गए पूजा-अभिषेक को अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने वाला बताया गया है।

शिव भक्त मानते हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव धरती पर वास करते हैं और इस महीने में की गई पूजा उनके लिए अत्यंत फलदायी होती है। शिवभक्तों का यह भी विश्वास है कि सावन के सोमवार के व्रत से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

समाप्ति और आभार

सावन के इस आखिरी सोमवार ने शिवभक्तों के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। भक्तों ने भगवान शिव से अपने जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की। मंदिरों में गूंजते भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण ने वातावरण को पूरी तरह से भक्तिमय बना दिया। सावन मास का यह समापन सोमवार भक्तों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बना, और उन्होंने भगवान शिव के आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य महसूस किया।

इस पावन अवसर पर शिवभक्तों की आस्था और श्रद्धा ने एक बार फिर सिद्ध किया कि सावन का महीना वास्तव में भगवान शिव के प्रति अटूट भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।

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