वास्तु शास्त्र: भूमि पूजन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान, अन्न और धन से भर जाएगा आपका भंडार

वास्तु शास्त्र: भूमि पूजन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान, अन्न और धन से भर जाएगा आपका भंडार
Last Updated: 2 घंटा पहले

भूमि पूजन एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ कार्य है, जो घर या व्यापार के निर्माण से पहले किया जाता है। इस अवसर पर सही वास्तु टिप्स का पालन करने से न केवल शुभ फल प्राप्त होते हैं, बल्कि अन्न, धन, और सुख-समृद्धि का भी वास होता है। यदि आप भूमि पूजन करने जा रहे हैं, तो नीचे दिए गए वास्तु के कुछ प्रमुख नियमों का पालन करें, ताकि आपके जीवन में समृद्धि का वास हो:

1. भूमि पूजन का शुभ समय चुनें

भूमि पूजन का सबसे उत्तम समय सुबह का है। इसे संध्या या मध्यरात्रि में करने से बचें, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता। भूमि पूजन करते समय सूर्योदय के समय का ध्यान रखें, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

2. शिलान्यास आग्नेय कोण से करें

गृह निर्माण कार्य का शिलान्यास हमेशा आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) से करना चाहिए। यह दिशा आर्थिक समृद्धि और शुभता का प्रतीक मानी जाती है। इससे कार्य में सफलता मिलती है और परिवार में समृद्धि का वास होता है।

3. घर के केंद्र में कोई दीवार न हो

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मध्य में दीवार या खंभा नहीं होना चाहिए। यदि घर के मध्य में दीवार होती है तो यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है, जिससे परिवार में मानसिक तनाव और धन की कमी हो सकती है।

4. ध्रुव तारा का स्मरण करें

भूमि पूजन के समय ध्रुव तारा को देखकर या उसका स्मरण करके पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सभी दिशाओं के देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है, जो घर में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं।

5. पौष और माघ मास में भूमि पूजन से बचें

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, पौष और माघ महीने में भूमि पूजन या गृह निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। इस समय में गृह निर्माण से वित्तीय नुकसान हो सकता है और कुछ अप्राकृतिक घटनाएं घट सकती हैं।

6. भूत-प्रेत से बचाव के लिए पूजा करें

भूमि पूजन के दौरान भूमि पर से किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को हटाने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। पूजा में दीपक, अगरबत्ती और शुद्धता का ध्यान रखें ताकि किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव न हो।

7. किसी भी कटु शब्द का प्रयोग न करें

भूमि पूजन के दौरान कोई भी कटु शब्द नहीं बोलना चाहिए। साथ ही, छींकना या थूकना भी शुभ नहीं माना जाता। यह शुभ कार्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए भूमि पूजन के समय सकारात्मक विचारों और अच्छे शब्दों का ही प्रयोग करें।

8. घर के प्रवेश द्वार का सही दिशा में होना महत्वपूर्ण

वास्तु के अनुसार, घर का मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह दिशा शुभ मानी जाती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

9. वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि का चयन करें

भूमि की खरीदारी करते समय वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशा का चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण है। घर बनाने के लिए भूमि का चयन करते वक्त उत्तर या पूर्व दिशा में स्थित भूमि को प्राथमिकता दें। दक्षिण या पश्चिम दिशा की भूमि का चयन करने से बचें, क्योंकि यह घर के लिए शुभ नहीं मानी जाती।

10. शुद्धता और सफाई का ध्यान रखें

भूमि पूजन के स्थान को स्वच्छ और शुद्ध रखें। पूजा स्थल पर गंदगी या किसी प्रकार की अशुद्धता नहीं होनी चाहिए। स्वच्छ वातावरण में की गई पूजा अधिक प्रभावी और फलदायी होती है।

भूमि पूजन एक महत्वपूर्ण अवसर है और यदि इसे सही वास्तु नियमों के अनुसार किया जाए, तो यह घर में समृद्धि, सुख और शांति लाने में सहायक होता है। इन वास्तु टिप्स का पालन करके आप न केवल घर के निर्माण कार्य को सही दिशा में शुरू कर सकते हैं, बल्कि घर में अन्न और धन से भरपूर वातावरण भी बना सकते हैं।

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