World Religion Day : विश्व धर्म दिवस हर साल जनवरी के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन धर्मों और आस्था प्रणालियों के बीच समझ, सामंजस्य और शांति का संदेश फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एक मंच पर लाकर एक-दूसरे के विश्वासों का सम्मान करने और सांस्कृतिक और धार्मिक मतभेदों को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करना है। यह दिन यह भी याद दिलाता है कि चाहे हमारे धर्म या आस्था अलग-अलग हों, हम सभी इंसान हैं और एक दूसरे के साथ शांति और सद्भावना से रह सकते हैं।
विश्व धर्म दिवस का इतिहास
विश्व धर्म दिवस की शुरुआत 1950 में हुई थी, लेकिन इसकी अवधारणा उससे पहले 1947 में पोर्टलैंड, मेन में बहाई धर्म की राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा द्वारा हुई एक वार्ता से जुड़ी है। उस समय इस दिन को "विश्व धर्म के माध्यम से विश्व शांति" के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद, 1950 में यह दिन विश्व धर्म दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इस दिन, विभिन्न स्थानों पर धर्म और संस्कृति के विद्वान, शिक्षक और दार्शनिक एकत्रित होकर विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और समझ को बढ़ावा देने के लिए विचार-विमर्श करते हैं। यह दिन एक मंच प्रदान करता है जहाँ लोग अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के बारे में अधिक जान सकते हैं और एक-दूसरे के विचारों को समझने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
विश्व धर्म दिवस का उद्देश्य
• धर्मों के बीच समझ और सामंजस्य: इस दिन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न धर्मों और आस्थाओं के बीच सामंजस्य और समझ को बढ़ावा देना है। यह दिन यह संदेश देता है कि भले ही हमारे धार्मिक विश्वास अलग हों, लेकिन हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
• शांति और एकता का संदेश: विश्व धर्म दिवस का उद्देश्य पूरे विश्व में शांति, एकता और भाईचारे का प्रचार करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि विभिन्न धर्मों के अनुयायी भी एक ही मानवता का हिस्सा हैं और हमें आपस में शांति से रहना चाहिए।
• अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देना: यह दिन अलग-अलग धर्मों के अनुयायियों को आपस में संवाद करने का अवसर प्रदान करता है ताकि वे एक-दूसरे की मान्यताओं और विश्वासों को समझ सकें।
विश्व धर्म दिवस कैसे मनाएं?
• अंतरधार्मिक कार्यक्रमों में भाग लें: इस दिन विभिन्न संगठन और समुदाय अंतरधार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जहाँ लोग एक दूसरे के धर्म और आस्थाओं के बारे में जान सकते हैं।
• धार्मिक अनुभवों को साझा करें: आप अपनी धार्मिक यात्रा और अनुभवों को साझा कर सकते हैं और दूसरों के धार्मिक अनुभवों को सुन सकते हैं।
• धर्म और संस्कृति की विविधता का सम्मान करें: यह दिन हमें यह सिखाता है कि हम विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करें और उनके योगदान को समझें।
बहाई धर्म और उसका योगदान
विश्व धर्म दिवस का विचार बहाई धर्म से निकला है, जिसे 1800 के दशक में फारस (आधुनिक ईरान) में विकसित किया गया था। इस धर्म के तीन प्रमुख सिद्धांत हैं – ईश्वर की एकता, धर्म की एकता और मानवता की एकता। बहाई धर्म मानता है कि सभी धर्मों के आध्यात्मिक पहलू एक ही ईश्वर से निकले हैं और सभी मनुष्यों के पास समान अधिकार और जिम्मेदारियाँ हैं। यही कारण है कि बहाई धर्म ने विश्व धर्म दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था। यह धर्म एकता और सामंजस्य का प्रतीक है, जो सभी धर्मों और उनके अनुयायियों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देता हैं। कैथोलिक धर्म में लगभग हर चीज के लिए एक संरक्षक संत होता है, जिसमें कॉफी, सिरदर्द और मधुमक्खी पालक भी शामिल हैं। विक्का धर्म एक प्राचीन धर्म प्रतीत होता है, लेकिन यह वास्तव में 1950 के दशक में स्थापित हुआ था, जब यूरोपीय प्रजनन पंथों से इसका उदय हुआ था।
हिंदू धर्म में नास्तिकता
• हिंदू धर्म बहुदेववादी होते हुए भी, एक आस्तिक और नास्तिक हिंदू दोनों हो सकते हैं, और दोनों की नैतिक और आचार संहिता समान होती है।
• यह दिन लोगों को एक साथ लाने का प्रयास करता है, चाहे उनकी धार्मिक मान्यताएँ और संस्कृति कुछ भी हों। इस दिन का उद्देश्य हमें यह सिखाना है कि हम भले ही विभिन्न धर्मों और आस्थाओं से जुड़े हों, लेकिन हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना
विश्व धर्म दिवस के माध्यम से हम विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बारे में बेहतर समझ प्राप्त कर सकते हैं, और यह हमें यह समझने में मदद करता है कि धर्मों के बीच सद्भावना और शांति कायम रखना आवश्यक है।
विविध अनुभवों का लाभ उठाना
यह दिन एक मौका देता है विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों को जानने का और उनके आध्यात्मिक अनुभवों में भाग लेने का। यह हमारी सोच और दृष्टिकोण को विस्तृत करता है और हमें एक साझा समझ और भाईचारे की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाता है।
विश्व धर्म दिवस न केवल धर्मों के बीच सामंजस्य का प्रतीक है, बल्कि यह हमें एक दूसरे की आस्थाओं और विश्वासों के प्रति समझ और सम्मान बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि हमारी एकता ही हमारी असली शक्ति है, और यही सच्चा मानवाधिकार है – हर धर्म और आस्था का सम्मान करना।