Mahabharat: महाभारत के ये 5 मामा थे सबसे शक्तिशाली, कंस से लेकर कृष्ण तक का राज़

Mahabharat: महाभारत के ये 5 मामा थे सबसे शक्तिशाली, कंस से लेकर कृष्ण तक का राज़
Last Updated: 2 घंटा पहले

महाभारत से संबंधित कथाएं और कहानियां अधिकांश लोग जानते हैं। महाभारत के पात्रों में मामा का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जिनकी शैतानियों ने अपने भांजे को परेशान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

महाभारत में अनेक महत्वपूर्ण पात्र रहे हैं। लेकिन जब बात महाभारत के मामाश्री की आती है, तो कंस और शकुनि मामा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। आज भी लोग विभिन्न घटनाओं के संदर्भ में कंस और शकुनि मामा के उदाहरण देते हैं। हालांकि, महाभारत के काल में एक-दो नहीं, बल्कि पांच ऐसे मामा थे जिनकी चर्चा काफी होती है। अपने अद्वितीय कारनामों के कारण ये महाभारत के प्रतापी मामा के रूप में जाने जाते हैं। आइए जानते हैं महाभारत के 5 प्रतापी मामाश्री के बारे में-

कंस मामा (Kans)

कंस मामा का नाम हर जगह चर्चा में आता है। जनपद मगध के सम्राट और जरासंध के दामाद कंस भगवान श्रीकृष्ण के मामा थे। कंस, जो पूर्व जन्म में कालनेमि नामक एक राक्षस था, का वध भगवान विष्णु ने किया था। कंस के बारे में एक भविष्यवाणी हुई थी कि उसकी बहन देवकी के पुत्र के हाथों उसकी मृत्यु होगी। इस भविष्यवाणी के बाद, कंस ने अपनी बहन और जीजा को बंदी बनाकर कारावास में रखा और उनकी संतानों को जन्म के बाद ही एक-एक करके मार डालने लगा। लेकिन देवकी और वसुदेव की आठवीं संतान, श्रीकृष्ण ने अंततः कंस का वध किया।

शकुनि मामा (Shakuni Mama)

महाभारत में मामा शकुनि एक अत्यंत प्रसिद्ध पात्र हैं। महाभारत युद्ध की शुरुआत की नींव इसी शकुनि ने रखी थी। उसके चालाकी से फेंके गए पासों के कारण पांडवों और कौरवों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। हालांकि, इस युद्ध में अंततः शकुनि भी अपनी मृत्यु को प्राप्त हुआ।

शल्य मामा (Shalya Mama)

पांडवों के मामा का नाम शल्य था, जिसे कौरव भी मामा के रूप में संबोधित करते थे। शल्य एक महान रथी थे, अर्थात् वे उत्कृष्ट रथ चलाने की क्षमता रखते थे। महाभारत के युद्ध में, दुर्योधन ने चालाकी से शल्य मामा को अपनी ओर से युद्ध में भाग लेने के लिए मनाने में सफल रहा और उन्हें कर्ण का सारथी बनाया।

कृपाचार्य (Kripacharya as Kripa)

कृपाचार्य अश्वत्थामा के मामा थे। जब अश्वत्थामा ने द्रौपदी के पांचों पुत्रों का सोते समय वध कर दिया, तब गांधारी ने कृपाचार्य से कहा कि अश्वत्थामा के इस पाप में आपकी भी भागीदारी है, क्योंकि आप इसे होने से रोक सकते थे। बाद में, कृपाचार्य को इस बात का पछतावा हुआ, क्योंकि यदि वे चाहें तो अश्वत्थामा को ऐसा करने से रोक सकते थे।

श्रीकृष्ण (Shri Krishna)

श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का विनाश किया था। लेकिन वे स्वयं अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के मामा थे। श्रीकृष्ण यह भली-भांति समझते थे कि यदि अभिमन्यु चक्रव्यूह में प्रवेश करेगा, तो वह चारों ओर से घिर सकता है। फिर भी, कृष्ण ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह तोड़ने के लिए भेजा, जहाँ उसकी निर्दयता से हत्या कर दी गई। कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में जो भी घटनाएँ घटित हुईं, वह सब कृष्ण की इच्छा के अनुसार ही थीं।

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