आरती श्री राधा रानी की: प्रेम और भक्ति की देवी की आराधना से पाएं आध्यात्मिक आनंद

आरती श्री राधा रानी की: प्रेम और भक्ति की देवी की आराधना से पाएं आध्यात्मिक आनंद
Last Updated: 22 सितंबर 2024

आरती श्री राधा रानी की

आरती श्री वृषभानुसुता की,

मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

 

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,

विमल विवेकविराग विकासिनि ।

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,

सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

 

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,

मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।

अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,

प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥

 

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

 

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,

आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।

आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,

अति अमूल्य सम्पति समता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

 

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,

चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।

जगजननि जग दुखनिवारिणि,

आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

आरती श्री वृषभानुसुता की,

मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

जय श्री राधे!

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