जय माता दी।
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।
जय दुर्गा, जय दुर्गा, जय दुर्गा।
जय भवानी, जय भवानी, जय भवानी।
अम्बे दुर्गे, दया बिनु निसा।
भक्तन की तुम करहु सदा।
संकट से हो तुम सुखदायिनी।
भक्त जन की हो तुम सदा सहायिनी।
जय माँ दुर्गा।
जय शेरोवाली।
जय महाकालिका।
जय त्रिपुर सुंदरी।
आनंद लहरी, माँ तेरा नाम।
तेरे चरणों में, निहित सबका आराम।
तेरे गुण गावे, सब जगत में।
दया करो माँ, अपनी कृपा कर दें।
माँ जगत जननी, तेरा है बल।
तेरे दर पर, सदा हों सब हल।
शक्ति का स्रोत, तू माँ जगदंबा।
तेरी कृपा से, मिटे हर बंधन।
जय माँ दुर्गा, जय माँ दुर्गा।
जय भवानी, जय भवानी।
जो भी सच्चे मन से, तेरा नाम ले।
उसका हर दुःख, तू दूर करे।
माँ तू शक्ति, माँ तू साक्षात।
तेरे बिना है सब जगत अधूरा।
जय माँ दुर्गा, जय माँ दुर्गा।
जय भवानी, जय भवानी।