Maa Laxmi Ganesh Murti on Diwali: दिवाली पर माता लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति किस दिशा में रखें? भूल से भी न करें ये गलती

Maa Laxmi Ganesh Murti on Diwali: दिवाली पर माता लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति किस दिशा में रखें? भूल से भी न करें ये गलती
Last Updated: 1 दिन पहले

Diwali 2024: दिवाली का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्तियों को किस दिशा में रखना शुभ माना जाता है।

दिवाली 2024: दीपों का त्योहार: दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, 12 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह त्योहार प्रकाश की अंधकार पर विजय और अच्छे की बुराई पर विजय का प्रतीक है।

दिवाली का महत्व:दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है और यह कई ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं को स्मरण करती है, जैसे भगवान राम का 14 वर्षों का वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटना। यह परिवारों के एकजुट होने, पूजा, उत्सव और प्रेम का समय है।

उत्सव और रीति-रिवाज: दिवाली के दौरान घरों को दीयों, रंगोली और रोशनी से सजाया जाता है। लोग Goddess Lakshmi की पूजा करते हैं धन और समृद्धि के लिए, और Lord Ganesha की पूजा करते हैं ज्ञान और सफलता के लिए। पटाखे फोड़ना और आतिशबाजी करना इस दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो खुशी और उत्सव का प्रतीक है।

दिवाली की तैयारी: दिवाली की तैयारी में लोग अपने घरों की सफाई और नवीनीकरण करते हैं। यह उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने का भी समय है, जिससे परिवार और दोस्तों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।!

मूर्तियों की स्थापना की दिशा: माता लक्ष्मी को भगवान गणेश के दाईं तरफ रखें: यह माना जाता है कि माता लक्ष्मी को भगवान गणेश के दाईं ओर स्थापित करना चाहिए, क्योंकि वह उनके माता स्वरूप हैं।

मुख की दिशा: मूर्तियों को इस तरह रखें कि उनका मुख पूर्व (East) या पश्चिम (West) दिशा की ओर हो। इससे पूजा का प्रभाव अधिक होता है।

स्थापना की जगह: कोशिश करें कि मूर्तियों को स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें, जिससे पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

इन दिशा-निर्देशों का पालन करने से आप दिवाली पर पूजा को और भी प्रभावी बना सकते हैं और अपने घर में सुख-समृद्धि का स्वागत कर सकते हैं।

दिवाली पर कलश स्थापना का महत्व

वरुण देव का प्रतीक: कलश को वरुण देव का रूप माना जाता है। इसे शुभता, समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है।

पूजा का फल दोगुना: यदि दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन के दौरान कलश की स्थापना की जाए, तो इससे पूजा का फल दोगुना हो जाता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

अमृत तत्व: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कलश को अमृत तुल्य माना जाता है। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है और व्यक्ति को निरोगी काया प्राप्त होती है।

विशेष देवी-देवताओं की पूजा: यदि आप किसी विशेष देवी-देवता पर विश्वास करते हैं, तो कलश स्थापना के बाद उनकी पूजा भी की जानी चाहिए। यह आपके विश्वास को और मजबूत बनाता है।

सकारात्मक ऊर्जा: कलश की स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभकारी होती है।

दिवाली पर भूलकर भी क्या न करें

दूसरों का अपमान: दिवाली पर किसी का अपमान या नकारात्मक बातें करना न करें। यह पर्व खुशियों और प्यार का है।

गंदगी न फैलाएं: घर या आस-पास की जगहों पर गंदगी फैलाना सही नहीं है। स्वच्छता बनाए रखें।

असत्य बोलना: किसी भी तरह की झूठी बातें या अफवाहें फैलाने से बचें।

अविवेकपूर्ण खर्च: अधिक खर्च करने से बचें। विवेकपूर्ण तरीके से खर्च करें और अपनी आर्थिक स्थिति का ध्यान रखें।

माता लक्ष्मी और गणेश जी का अपमान: पूजा में किसी प्रकार की लापरवाही या अपमान न करें। सही तरीके से पूजा करें।

खुले दीपक छोड़ना: दीप जलाते समय सावधानी बरतें। खुले दीपक या मोमबत्तियों को अकेला न छोड़ें, जिससे आग लगने का खतरा हो।

धूम्रपान या शराब: दिवाली पर धूम्रपान या शराब का सेवन न करें। यह पर्व शुद्धता और भक्ति का है।

नकारात्मकता: नकारात्मक विचारों और भावनाओं से दूर रहें। सकारात्मकता को बढ़ावा दें।

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