Ram Mandir Prana Pratishtha Anniversary 2025: श्रीराम मंदिर की पहली वर्षगांठ, ज्योतिषीय गणना और शुभ मुहूर्त के साथ वैदिक महत्व

Ram Mandir Prana Pratishtha Anniversary 2025: श्रीराम मंदिर की पहली वर्षगांठ, ज्योतिषीय गणना और शुभ मुहूर्त के साथ वैदिक महत्व
Last Updated: 10 घंटा पहले

Ram Mandir Prana Pratishtha Anniversary: साल 2024 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ और 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक संपन्न हुई। इस ऐतिहासिक क्षण ने पूरे देश में उत्सव का माहौल बनाया। लेकिन इस बार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 22 जनवरी को नहीं, बल्कि 11 जनवरी 2025 को मनाई जा रही है। इस फैसले के पीछे ज्योतिषीय गणनाएं और वैदिक परंपराएं हैं।

ज्योतिष गणना के आधार पर तिथि का चयन

धार्मिक पंडितों के अनुसार, हिंदू वैदिक परंपरा के अनुसार वर्षगांठ को अंग्रेजी कैलेंडर की तिथि से नहीं, बल्कि वैदिक पंचांग की शुभ तिथि के आधार पर मनाया जाता है। 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पौष माह के शुक्ल पक्ष की कूर्म द्वादशी पर संपन्न हुई थी। इस साल यह तिथि 11 जनवरी को पड़ रही है, इसलिए इस दिन उत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं।

पंडित शिवकुमार पांडेय (मुंबई)

पंडित शिवकुमार पांडेय का कहना है कि श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल द्वादशी पर हुई थी। हिंदू परंपराओं के अनुसार, यह उत्सव हर साल उसी वैदिक तिथि पर मनाया जाता है। इसलिए, इस वर्ष पौष शुक्ल द्वादशी पर, जो 11 जनवरी को पड़ रही है, रामलला की वर्षगांठ मनाई जाएगी।

आचार्य पंडित शिव गुरु जी (उज्जैन)

आचार्य शिव गुरु जी के अनुसार, इस बार 11 जनवरी को दस मंगलकारी योग बन रहे हैं, जो इसे अत्यंत शुभ बनाते हैं। इन योगों में भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

बन रहे हैं शुभ योग

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर यह शुभ योग बन रहे हैं।
नक्षत्र: मृगशिरा

योग
शुक्ल: सुबह 11:49 तक
ब्रह्म: 12 जनवरी को सुबह 9:09 तक
बालव: सुबह 8:21 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 7:15 से दोपहर 12:29 तक
अमृत सिद्धि योग: सुबह 7:15 से दोपहर 12:29 तक

कैलाश पर्व पर शिववास

11 जनवरी को भगवान शिव का वास कैलाश पर्व पर रहेगा, जो इस तिथि को और अधिक पवित्र बनाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा करने से भगवान राम और शिव दोनों की कृपा प्राप्त होगी।

22 जनवरी के बजाय 11 जनवरी धर्म का विज्ञान

हिंदू धर्म में किसी भी उत्सव को वैदिक तिथि के आधार पर मनाने की परंपरा है। पंडितों का कहना है कि वैदिक गणना ही हमारी प्राचीन परंपराओं को संरक्षित रखती है। इस कारण, इस वर्ष रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जा रही हैं।

अयोध्या में उत्सव का माहौल

राम मंदिर की वर्षगांठ को लेकर अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं। भव्य कार्यक्रम और रामायण पाठ का आयोजन होगा। देशभर से श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने अयोध्या पहुंच रहे हैं।

तो इस बार 11 जनवरी को तैयार हो जाइए प्रभु श्रीराम की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अद्वितीय होगा।

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