श्री गणेश जी की यह स्तुति अद्भुत, गणनायक गजानन प्रसन्न

श्री गणेश जी की यह स्तुति अद्भुत, गणनायक गजानन प्रसन्न
Last Updated: 22 सितंबर 2024

1. वक्र तुंड महाकाय

वक्र तुंड महाकाय,

सूर्य कोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव,

शुभ कार्येषु सर्वदा।

2. नमामि देवं सकलार्थदं

नमामि देवं सकलार्थदं,

तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्।

गजाननं भास्करमेकदन्तं,

लम्बोदरं वारिभावसनं च।

 

3. एकदन्तं महाकायं

एकदन्तं महाकायं,

लम्बोदरगजाननम्।

विध्ननाशकरं देवं,

हेरम्बं प्रणमाम्यहम्।

 

4. विघ्नेश्वराय वरदाय

विघ्नेश्वराय वरदाय,

सुरप्रियाय लम्बोदराय।

सकलाय जगद्धितायं,

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय।

गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।

5. गजाननं भूतगणादिसेवितं

गजाननं भूतगणादिसेवितं,

कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्।

उमासुतं शोकविनाशकारकं,

नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्।

 

6. रक्षा रक्षा गणाध्यक्ष

रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष,

रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं।

भक्तानामभयं कर्ता,

त्राता भव भवार्णवात्।

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