Bhadrapada Month 2024: कब से शुरू होगा भाद्रपद का महीना? जानिए इस महीने का धार्मिक महत्व और नियम, इस महीने में आएंगे कई त्योहार और व्रत

Bhadrapada Month 2024: कब से शुरू होगा भाद्रपद का महीना? जानिए इस महीने का धार्मिक महत्व और नियम, इस महीने में आएंगे कई त्योहार और व्रत
Last Updated: 20 अगस्त 2024

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह छठा महीना होता है, जो सावन के समापन के बाद आरंभ होता है। यह महीना देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। भाद्रपद में भगवान श्रीकृष्ण और भगवान गणेश की विशेष उपासना की जाती है। आइए जानते हैं कि भाद्रपद माह कब से शुरू हो रहा हैं।

धार्मिक न्यूज़: सावन पूर्णिमा के अगले दिन से भाद्रपद माह की शुरुआत होती है। सनातन धर्म में इस महीने को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कई प्रमुख पर्व और व्रत आयोजित किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस माह में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन की सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको भाद्रपद माह का धार्मिक महत्व और इसके नियमों के बारे में जानकारी देंगे।

कब शुरू होगा भाद्रपद 2024?

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह छठा महीना होता है, जो सावन के समापन के बाद आरंभ होता है। बता दें भाद्रपद मास की शुरुआत 20 अगस्त 2024 से होने जा रही है। वहीं यह मास 18 सितंबर 2024 को समाप्त होगा।

भाद्रपद महीने में आने वाले व्रत और त्योहार

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें श्री कृष्ण जन्मोत्सव (कृष्ण जन्माष्टमी), गणेश चतुर्थी, अजा एकादशी, हरतालिका तीज, प्रदोष व्रत, पितृपक्ष की शुरुआत (श्राद्ध), भाद्रपद पूर्णिमा, गणेश विसर्जन, और अनंत चतुर्दशी शामिल हैं।

भाद्रपद माह का क्या हैं महत्व?

भाद्रपद का महीना विशेष महत्व रखता है। इसे भादो के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस माह में भगवान शिव के पुत्र गणेश जी और भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ था। ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद के महीने में गणेश जी और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने से व्यक्ति को सभी परेशानियों और दुखों से मुक्ति मिलती है। इसके अतिरिक्त भाद्रपद में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व हैं।

भाद्रपद महीने में इन नियम का करें पालन

* इस महीने में सुबह स्नान करने के बाद विधिपूर्वक श्रीहरि, भगवान श्रीकृष्ण, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें।

* इसके साथ ही अपनी श्रद्धा के अनुसार लोगों को दान करना भी चाहिए।

* इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।

* किसी भी व्यक्ति के साथ लड़ाई-झगड़ा करने से बचें।

* घर के बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान नहीं होना चाहिए।

* इसके अलावा किसी भी पशु-पक्षी को परेशान करने से भी बचना चाहिए।

 

 

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