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चैत्र नवरात्रि 2025: मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का महापर्व, जानें कब से शुरू हो रहे हैं व्रत

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हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व शक्ति की उपासना और नौ देवी के पूजन के लिए जाना जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू होकर 6 अप्रैल 2025 तक चलेगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्रि का यह पावन पर्व भक्तों के लिए साधना, उपासना और शक्ति संचय का अवसर होता हैं। 

घटस्थापना मुहूर्त और विशेष पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है। इस बार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:34 बजे से 7:23 बजे तक है। यदि इस समय में पूजा न कर पाएं, तो अभिजित मुहूर्त में भी कलश स्थापना कर सकते हैं, जो दोपहर 12:18 बजे से 1:08 बजे तक रहेगा। घटस्थापना के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जिनकी आराधना से धन, ऐश्वर्य, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। 

नवरात्रि का दिन-प्रतिदिन पूजन क्रम

30 मार्च: मां शैलपुत्री पूजा (पहला दिन)
31 मार्च: मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा पूजा (दूसरा और तीसरा दिन)
1 अप्रैल: मां कूष्मांडा पूजा (चौथा दिन)
2 अप्रैल: मां स्कंदमाता पूजा (पांचवां दिन)
3 अप्रैल: मां कात्यायनी पूजा (छठा दिन)
4 अप्रैल: मां कालरात्रि पूजा (सप्तमी)
5 अप्रैल: मां महागौरी पूजा (अष्टमी)
6 अप्रैल: मां सिद्धिदात्री पूजा (नवमी)

राम नवमी का विशेष महत्व

6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का समापन भगवान राम के जन्मोत्सव "राम नवमी" के साथ होगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र शुक्ल नवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था। इस दिन भक्त रामचरितमानस का पाठ करते हैं और रामलला की पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि के दौरान भक्त उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का स्मरण करते हैं। यह पर्व साधकों के लिए आत्मशुद्धि, मानसिक शांति और ऊर्जा संचय का महत्वपूर्ण अवसर होता है। नवरात्रि का पालन करने से न केवल भौतिक सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि आत्मिक उत्थान का मार्ग भी प्रशस्त होता हैं। 

विशेष सावधानियां और नियम

नवरात्रि के दौरान सात्विक आहार का पालन करना चाहिए। मांसाहार, नशा, और तामसिक वस्तुओं से दूर रहें। देवी की पूजा में विशेषत: लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाने का विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्रि का पर्व भक्तों के लिए आत्मिक ऊर्जा और शक्ति संचय का एक महान अवसर है। इस नवरात्रि पर मां दुर्गा की आराधना से जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि का संचार हो सकता हैं। 

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