Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: पारण का सही समय और व्रत विधि, जानें शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: पारण का सही समय और व्रत विधि, जानें शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय
Last Updated: 1 घंटा पहले

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन मार्गशीर्ष माह की संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। इसे गणेश जी का व्रत और पूजा करके विभिन्न संकटों से मुक्ति प्राप्त करने का अवसर माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक की जाती है और उपवास रखा जाता हैं।

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2024 का व्रत इस साल 18 नवंबर को रखा जाएगा, जो विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन उपवास रखने से भक्तों को केवल अपने जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है, बल्कि उन्हें गणेश जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। आइए, जानते हैं इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, शुभ मुहूर्त, पारण विधि और लाभ।

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि (Ganadhipa Sankashti Chaturthi Vrat Vidhi)

* इस दिन का व्रत प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शुद्ध स्नान करें। उसके बाद घर के मंदिर को साफ करें और भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करें। भगवान गणेश को दुर्वा, फल, फूल, मोदक और अन्य प्रसाद अर्पित करें। साथ ही गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।

* व्रत के दौरान सात्विक आहार लें और तामसिक चीजों से बचें। लहसून, प्याज और मांसाहारी भोजन से पूरी तरह से दूर रहें। उपवास का पालन करते हुए दिनभर भगवान गणेश की भक्ति में लीन रहें। शाम को चंद्रमा का दर्शन करें और चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद पूजा का समापन करें और पारण करें।

पारण विधि

पारण चंद्रमा के दर्शन के बाद किया जाता है। चंद्रमा के दर्शन के समय ध्यान रखें कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन सटीक मुहूर्त में हो। इसके बाद, भगवान गणेश के प्रसाद का सेवन करें। पारण के समय केवल सात्विक और हल्का भोजन करें, जिसमें ताजे फल, दही, या हलवा शामिल हो सकते हैं।

शुभ मुहूर्त और चंद्रमा का समय

चंद्रोदय समय: 19 नवंबर, 2024 को शाम 7:34 बजे।

पारण का सही समय: चंद्रोदय के बाद पारण का समय है, यानी 7:34 बजे के बाद पारण करना उचित होगा।

गणेश पूजा के मंत्र (Lord Ganesha's Mantras)

इस विशेष व्रत के दौरान इन मंत्रों का जाप करें

गं गणपतये नमः

यह मंत्र भगवान गणेश को समर्पित है, जो उन्हें खुश करता है और आशीर्वाद प्रदान करता हैं।

ग्लौं गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति, क्लेश हर्ता, सर्व कार्य सिद्धि कुरु स्वाहा।

इस मंत्र का जाप करने से जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं और क्लेशों से मुक्ति मिलती हैं।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।

यह मंत्र भगवान गणेश के गुणों और उनकी शक्ति का बखान करता है और मानसिक शांति प्रदान करता हैं।

व्रत का विशेष लाभ (Benefits of Ganadhipa Sankashti Chaturthi Vrat)

* इस व्रत को करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। भगवान गणेश के आशीर्वाद से व्यक्ति को समृद्धि और शांति मिलती हैं।

* गणेश पूजा से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रभावी माना जाता हैं।

* इस व्रत का पालन करने से केवल व्यक्तिगत सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि समाज और परिवार में भी शांति और सामंजस्य बना रहता हैं।

* भगवान गणेश की पूजा से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्तित्व में सकारात्मकता आती है। इससे तनाव और चिंता कम होती हैं।

Leave a comment
 

ट्रेंडिंग News