Karwa Chauth: करवा चौथ एक विशेष हिंदू त्योहार है, जिसे हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए कठोर निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक होता है, और इसे विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व दिया जाता है।
करवा चौथ की पूजन सामग्री (Pujan Samagri List)
करवा चौथ की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में चंदन, शहद, धूप, माचिस, और लाल-पीले पुष्प शामिल हैं। इसके अलावा, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, और मेवे अर्पित किए जाते हैं। गंगाजल, शुद्ध जल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, और बिंदी जैसी शृंगार सामग्री भी आवश्यक होती है। पूजा में मिट्टी का टोंटीदार करवा, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, हल्दी, और पानी का लोटा भी शामिल होते हैं।
पूजा विधि
-करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
-सुबह के समय सास द्वारा दी गई सरगी (व्रत के लिए विशेष भोजन) ग्रहण करें।
-निर्जला व्रत का संकल्प लें। इस दिन पानी का भी सेवन नहीं करना होता।
-सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें। इसके लिए शुद्ध जल में फूल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें।
-मंदिर में जाकर शिव परिवार की विधिवत पूजा करें। उन्हें पुष्प, फल, मिठाई, और मेवे अर्पित करें।
-करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। यह कथा इस पर्व का आध्यात्मिक महत्व बताती है।
-शाम होते ही पूजा की तैयारी में जुट जाएँ। एक पूजा थाली तैयार करें और उसमें रंग-बिरंगे फूल, ताजे फल, मिठाई, धूप, दीप, और रोली जैसे सामग्री सजाएं।करवा लें और उसमें चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रखें। फिर इस करवे को पूजा थाली में सजाएं, ताकि इसे चंद्रमा को अर्घ्य देने के समय सही तरीके से उपयोग किया जा सके।
चंद्रोदय
चांद निकलने का समय देखें। इस वर्ष करवा चौथ पर चंद्रमा शाम 07 बजकर 54 मिनट पर निकलेगा।
चंद्रमा को अर्घ्य
चंद्रमा की दर्शन के बाद, उसे शुद्ध जल, कच्चा दूध, गंगाजल, अक्षत, और ताजे फूलों के साथ अर्घ्य अर्पित करें। इस विशेष क्षण में, अर्घ्य मंत्र का उच्चारण करना न भूलें।
पति का मुख देखें
जलती हुई दीपक को छन्नी में रखें और चंद्र दर्शन करें। फिर उसी छन्नी से अपने पति का मुख देखें।
व्रत का समापन
पति के हाथों से जल ग्रहण करके अपना व्रत समाप्त करें। इसके बाद, पूजा में हुई किसी भी त्रुटि के लिए मन में क्षमा का भाव रखें।
बुजुर्गों का आशीर्वाद
घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और उन्हें पूजा में उपयोग की गई शृंगार की सामग्री और करवा दें।
सात्विक भोजन
अंत में, सात्विक भोजन ग्रहण करें और व्रत का समापन करें।
चंद्रोदय का समय
चंद्रोदय समय: 20 अक्टूबर 2024 को शाम 07:54 बजे।
अर्घ्य मंत्र
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
विशेष ध्यान
-पूजा को श्रद्धा भाव से करें।
-व्रत के दौरान मन में सकारात्मकता बनाए रखें।
-आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ!