हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम माना जाता है। प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को किया जाने वाला यह व्रत सौभाग्य, समृद्धि और कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसे सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मार्च 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियां इस माह प्रदोष व्रत दो बार आएगा
• 11 मार्च 2025 (मंगलवार) – फाल्गुन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
• 27 मार्च 2025 (गुरुवार) – चैत्र कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
11 मार्च 2025 (मंगलवार)
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ – 11 मार्च, प्रातः 08:13 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 12 मार्च, प्रातः 09:11 बजे
शिव पूजा का शुभ समय – संध्या 06:27 बजे से 08:53 बजे तक
27 मार्च 2025 (गुरुवार) त्रयोदशी तिथि और मुहूर्त पंचांग अनुसार रहेगा।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
• स्नान और संकल्प: सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और श्रद्धा भाव से व्रत का संकल्प लें।
• शिवलिंग अभिषेक: गंगाजल, दूध, दही, शहद, पंचामृत एवं बेलपत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें।
• धूप-दीप पूजन: शिवजी और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें और दीप प्रज्वलित करें।
• भोग अर्पण: हलवा, दही, खीर और मौसमी फल भगवान को भोग स्वरूप अर्पित करें।
• मंत्र जाप: 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
• दान-पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र एवं धन का दान कर पुण्य लाभ प्राप्त करें।
प्रदोष व्रत के लाभ
• भगवान शिव की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
• धन, करियर और व्यापार में आने वाली रुकावटें समाप्त होती हैं।
• नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
• उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नोट: दी गई तिथियां वैदिक पंचांग के आधार पर हैं, कृपया अपने स्थानीय ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें।