रमजान का मुबारक महीना जारी है और इबादतों का सिलसिला तेज हो चुका है। रोजेदार हर दिन अल्लाह की बंदगी में मशगूल हैं, और आज 5 मार्च 2025, बुधवार को चौथा रोजा रखा गया। इसे इस्लाम में हिफाजत की ढाल और नेकी का छाता कहा जाता है। माना जाता है कि यह रोजा अल्लाह की अदालत में रोजेदार के लिए सिफारिश करता है और उसके लिए रहमत और बरकत का दरवाजा खोलता है।
चौथे रोजे की खास अहमियत - क्यों कहा जाता है ‘हिफाजत का कवच’
रमजान सिर्फ एक इबादत का महीना नहीं है, बल्कि यह नेकी, सब्र और खुदा की रहमत पाने का सुनहरा मौका है। चौथा रोजा खास इसलिए माना जाता है क्योंकि इसे इंसान की हिफाजत करने वाला कहा गया है। यह रोजेदार को सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि रूहानी ताकत भी देता है और उसे हर बुराई से दूर रखता है।
पवित्र कुरान की सूरत अल-मुरसिलात (आयत 41-42)
“इन्नाल मुत्तक़ीना फ़ी ज़िलालिवँ व अयूनिवँ व फवाकिहा मिम्मा यशतहन।” इसका मतलब है कि जो लोग संयम और ईमान के साथ चलते हैं, वे अल्लाह की छत्रछाया में रहेंगे और उन्हें वही मिलेगा जो उनकी ख्वाहिश है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर रोजेदार शरई तरीके से रोजा रखता है और नेक काम करता है, तो यह रोजा उसकी हिफाजत का कवच बन जाता है। यह न सिर्फ दुनिया में, बल्कि आखिरत में भी उसके लिए सुकून और बरकत लाने वाला साबित होता है।
रोजेदारों के लिए ज़रूरी हिदायतें - रोजा सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं
रोजा सिर्फ खाना-पीना छोड़ने का नाम नहीं है, बल्कि यह अपने मन, जुबान और अमल को पाक-साफ रखने की इबादत है। रोजेदार को चाहिए कि वह न सिर्फ इफ्तार और सहरी का सही ध्यान रखे, बल्कि अपने व्यवहार, सोच और कर्मों को भी नेक बनाए।
रमजान के इस पवित्र महीने में रोजेदारों को खास ध्यान देना चाहिए
• नमाज और तिलावत-ए-कुरान का एहतमाम करें।
• गुनाहों से बचें, झूठ और ग़ीबत से परहेज़ करें।
• जरूरतमंदों की मदद करें और सदका-ए-फित्र अदा करें।
रमजान - एक नई रोशनी की ओर
रमजान का हर रोजा इंसान को नेक बनने की सीख देता है, लेकिन चौथा रोजा खासतौर पर हिफाजत और अल्लाह की रहमत का संदेश देता है। यह वह रोजा है जो इंसान को दुनिया और आखिरत दोनों में कामयाबी दिलाने का ज़रिया बनता है। रमजान की इस पाक घड़ी में हर रोजेदार को चाहिए कि वह अपने दिल, ज़ुबान और अमल से खुदा के करीब जाने की कोशिश करे, ताकि उसका रोजा सिर्फ भूखे-प्यासे रहने की रस्म न बनकर, एक सच्चे इबादतगुजार का सबूत बन सके।