Ramdev Jayanti 2024: आज धूम धाम से मनाई जा रही है रामदेव जयंती, राजस्थान के लोगों के लिए खास है यह दिन, जानिए रामदेव जयंती का धार्मिक महत्व

Ramdev Jayanti 2024: आज धूम धाम से मनाई जा रही है रामदेव जयंती, राजस्थान के लोगों के लिए खास है यह दिन, जानिए रामदेव जयंती का धार्मिक महत्व
Last Updated: 13 सितंबर 2024

बाबा रामदेव राजस्थान के एक महान संत और लोकदेवता थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों में आदर और श्रद्धा प्राप्त है। उनकी जयंती हर साल भाद्रपद माह में मनाई जाती है, और इस वर्ष यह 13 सितंबर 2024 को मनाई जा रही है। बाबा रामदेव जी का जन्म राजस्थान के पोकरण के पास रुणिचा गांव में हुआ था। वे 14वीं शताब्दी के दौरान जन्मे थे और अपनी महान सेवा, सामाजिक सुधारों और चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध हुए।

धार्मिक न्यूज़: बाबा रामदेव राजस्थान के एक महान संत और लोकदेवता थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों में आदर और श्रद्धा प्राप्त है। उनकी जयंती हर साल भाद्रपद माह में मनाई जाती है, और इस वर्ष यह 13 सितंबर 2024 को मनाई जा रही है। बाबा रामदेव जी का जन्म राजस्थान के पोकरण के पास रुणिचा गांव में हुआ था। वे 14वीं शताब्दी के दौरान जन्मे थे और अपनी महान सेवा, सामाजिक सुधारों और चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध हुए।

बाबा रामदेव जी ने अपने जीवन में सामाजिक भेदभाव, जातिवाद और असमानता के खिलाफ काम किया। उन्होंने विशेष रूप से दलितों और गरीबों की सहायता की और उन्हें समाज में सम्मान दिलाने का प्रयास किया। अपने चरित्र, ज्ञान और लोक कल्याण के कार्यों के कारण उन्हें "लोक देवता" की उपाधि मिली। उनकी पूजा हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों द्वारा की जाती है, और उनके अनुयायी उन्हें ईश्वर के अवतार के रूप में मानते हैं। बाबा रामदेव की समाधि राजस्थान के रुणिचा धाम में है, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। हर साल रामदेवरा मेला आयोजित किया जाता हैं।

रामदेव जयंती का धार्मिक महत्व

बाबा रामदेव जी के बारे में लोक मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने अपनी दिव्य शक्तियों से लोगों की सहायता की और सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों का भला किया। बाबा रामदेव जी ने सामाजिक सेवा, धार्मिक समर्पण और करुणा के बल पर अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की। यही कारण है कि हिंदू उन्हें बाबा रामदेव के रूप में पूजते हैं, जबकि मुस्लिम समाज उन्हें "रामसा पीर" के नाम से सम्मानित करता हैं। कई मान्यताओं के अनुसार, बाबा रामदेव जी को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। उनकी चमत्कारी शक्तियों और अद्वितीय सेवा भावना के कारण लोग उन्हें एक ईश्वर तुल्य लोकदेवता के रूप में पूजते हैं।

यह भी कहा जाता है कि बाबा रामदेव जी ने कई दिव्यांग लोगों को ठीक किया और जरूरतमंदों को चमत्कारिक रूप से मदद पहुंचाई। उनके दरबार में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से आता, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती थीं, और कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता था। उनकी इसी सेवा और चमत्कारी शक्तियों के कारण वे सभी वर्गों और समुदायों के लिए पूजनीय बन गए। रामदेव जी की यह सर्वधर्म समभाव की भावना आज भी लोगों के दिलों में बसती है, और उनकी जयंती पर पूरे राजस्थान और भारत के अन्य हिस्सों में उत्साह और भक्ति के साथ श्रद्धालु उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।

कहा स्थित है बाबा रामदेव की समाधी?

बाबा रामदेव जी के चमत्कारों और जरूरतमंदों के प्रति उनके असीम दया भाव के कारण लोगों की आस्था उन पर और भी गहरी होती गई। उनके अद्वितीय कार्यों और चमत्कारी जीवन को देखते हुए उनकी जयंती मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ जारी है। बाबा रामदेव जी की समाधि राजस्थान के रुणिचा में स्थित है, जो पोकरण से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। इस स्थान पर एक भव्य मंदिर है, जिसका निर्माण बीकानेर के राजा गंगा सिंह ने करवाया था। यह मंदिर आज एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा रामदेव जी के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।

यहां पर हर साल रामदेव जयंती के अवसर पर विशेष पूजा और समारोहों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं। बाबा रामदेव जी का यह मंदिर केवल राजस्थान, बल्कि देशभर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है और यह उनकी सेवा, समर्पण तथा समानता के संदेश का प्रतीक हैं।

नवलगढ़ में बाबा रामदेव जी का मेला

राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित नवलगढ़ में बाबा रामदेव जी का मेला बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह मेला हर साल भाद्रपद महीने में बाबा रामदेव जी की जयंती के अवसर पर आयोजित होता है। मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं, जो बाबा रामदेव जी के प्रति अपनी आस्था और भक्ति प्रकट करते हैं। नवलगढ़ का यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होता है। मेले में भक्त बाबा रामदेव जी के भजन-कीर्तन और विशेष पूजा-अर्चना में भाग लेते हैं। इसके साथ ही, मेलों में विभिन्न दुकानों, झूलों और मनोरंजन के साधनों की व्यवस्था भी होती है, जो इस मेले को और भी आकर्षक बनाते हैं। नवलगढ़ में रामदेवजी का मेला केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है, जहां सभी वर्गों के लोग एकत्र होते हैं।

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