Shani Mantra And Aarti: शनिवार के दिन पूजा के दौरान करें मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति, ऐसे करें शनिदेव की पूजा-उपासना

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शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु भक्तगण विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। शनिदेव को कर्मों का फल देने वाला देवता माना जाता है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति को धन-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है, जबकि उनके रुष्ट होने पर जीवन में बाधाओं और परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव की कुदृष्टि पड़ने से व्यक्ति को आर्थिक हानि, मानसिक तनाव और असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए भक्तगण उनकी कृपा पाने के लिए श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन सरसों का तेल, नीले फूल, काले तिल, और धूप-दीप अर्पित करके शनिदेव के मंत्रों का जाप करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता हैं। 

शनिदेव के मंत्र

* बीज मंत्र
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

* शनि गायत्री मंत्र
“ॐ कृष्णांगाय विद्महे रौद्राय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात्”
इस मंत्र का नियमित जाप जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।

* वेदिक मंत्र
“नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥”

* ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

* अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।

शनिदेव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव।
श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव।
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव।
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

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