Utpanna Ekadashi 2024: नवंबर में कब है उत्पन्ना एकादशी, जानिए देवी एकादशी की पूजा का महत्व और पौराणिक कथा

Utpanna Ekadashi 2024: नवंबर में कब है उत्पन्ना एकादशी, जानिए देवी एकादशी की पूजा का महत्व और पौराणिक कथा
Last Updated: 23 नवंबर 2024

उत्पन्ना एकादशी का दिन और पूजा का महत्व

उत्पन्ना एकादशी 2024 इस साल 26 नवंबर को मनाई जाएगी, जबकि 27 नवंबर को इसका पारण किया जाएगा। यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है और इसे विशेष रूप से देवी एकादशी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी एकादशी की पूजा भी की जाती है, जो हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखती है। इसे देवी एकादशी की उत्पत्ति से जोड़ा गया है, जो भगवान विष्णु के शरीर से उत्पन्न हुई थीं।

उत्पन्ना एकादशी से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है, सतयुग में एक राक्षस "नाड़ीजंघ" नामक था, जिसका पुत्र "मुर" बहुत बलशाली था। मुर ने देवताओं के स्थानों पर अधिकार जमा लिया और पूरी सृष्टि में आतंक मचाया। देवता परेशान हो गए और वे भगवान शिव की शरण में गए। शिवजी ने देवताओं को भगवान विष्णु के पास भेजा। भगवान विष्णु ने मुर और उसकी सेनाओं से युद्ध किया, जो कि 10 हजार वर्षों तक चला।

जब मुर का वध नहीं हो पाया, तब भगवान विष्णु थककर बद्रीकाश्रम में विश्राम करने गए। मुर उनके पीछे वहां भी पहुंच गया, लेकिन जब वह हमला करने वाला था, तब भगवान विष्णु के शरीर से एक दिव्य देवी प्रकट हुईं, जिन्होंने मुर का वध किया। भगवान विष्णु ने देवी से कहा कि उनका जन्म इस दिन, यानी मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को हुआ है। इसलिए इस दिन देवी की पूजा की जाएगी और इस दिन को 'उत्पन्ना एकादशी' के रूप में मनाया जाएगा।

उत्पन्ना एकादशी का व्रत और लाभ

उत्पन्ना एकादशी व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो धर्म, भक्ति, और शुद्धि की ओर अग्रसर होना चाहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा से समृद्धि, सुख-शांति, और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस व्रत से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस दिन विशेष पूजा, व्रत और भजन-कीर्तन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

Leave a comment