Vinayaka Chaturthi 2024: आज है विनायक चतुर्थी, जाने इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vinayaka Chaturthi 2024: आज है विनायक चतुर्थी, जाने इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Last Updated: 19 घंटा पहले

विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) हिंदू धर्म में एक प्रमुख पर्व है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष दिन भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, और इसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष, विनायक चतुर्थी 2024 का पर्व 4 दिसंबर को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से:

1. विनायक चतुर्थी का महत्व

विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश की पूजा करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर है। गणेश जी बुद्धि, समृद्धि और सुख-शांति के देवता माने जाते हैं। विशेष रूप से इस दिन भक्तगण भगवान गणेश की पूजा करके जीवन में समृद्धि, सुख और बुराईयों से छुटकारा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माना जाता है।

2. शुभ मुहूर्त

विनायक चतुर्थी पर पूजा करने के लिए एक विशेष शुभ मुहूर्त होता है, जो पूजा की सफलता के लिए आवश्यक होता है। 2024 में विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है

चतुर्थी तिथि: 4 दिसंबर 2024

चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 3 दिसंबर 2024 को रात 10:42 बजे से

चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 4 दिसंबर 2024 को रात 10:28 बजे तक

शुभ समय (विजय मुहूर्त): 4 दिसंबर 2024 को सुबह 11:00 बजे से 01:30 बजे तक

इस समय के दौरान पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। यदि आप किसी कारणवश इस समय में पूजा नहीं कर पाते हैं, तो आप अन्य समय पर भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन यह मुहूर्त विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

3. पूजा विधि: भगवान गणेश की पूजा कैसे करें

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करना जरूरी होता है। यहां हम पूजा की आसान विधि बता रहे हैं

सामग्री

भगवान गणेश की मूर्ति (पानी से धोकर स्थापित करें)

फूल, माला और चंदन

लड्डू या मोदक (भगवान गणेश के प्रिय पकवान)

दीपक, अगरबत्तियां

पानी और रोली (रंग)

ताम्बूल (पान और सुपारी)

पूजा विधि

गणेश मूर्ति की स्थापना: सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति को एक स्वच्छ स्थान पर रखें। मूर्ति को पानी से धोकर, चंदन और फूल अर्पित करें।

पुण्य वाचन: भगवान गणेश के मंत्रों का उच्चारण करें, जैसे कि "ॐ गण गणपतये नमः"। इसके साथ ही पूजा में भगवान गणेश की महिमा का वाचन भी करें।

प्रसाद अर्पित करें: गणेश जी को मोदक या लड्डू अर्पित करें। इन पकवानों को भगवान गणेश के प्रिय भोजन माना जाता है। इसके बाद उन्हें ताम्बूल (पान और सुपारी) अर्पित करें।

पुष्पांजलि अर्पित करें: भगवान गणेश को फूलों से श्रंगार करें। इसके बाद दीपक जलाकर उसकी पूजा करें और अगली दिव्यता के लिए प्रार्थना करें।

आशिर्वाद लें: पूजा के बाद, घर के सभी सदस्यों को भगवान गणेश के आशीर्वाद से लाभ मिलने की कामना करें। घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए उनके आशीर्वाद का आह्वान करें।

अर्थी और विसर्जन: यदि आप एक दिन पहले गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं, तो इस दिन पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति को घर के आंगन में विसर्जन हेतु ले जाएं। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य सामूहिक रूप से गणेश मंत्र का जाप करें और भगवान गणेश का धन्यवाद अर्पित करें।

4. इस दिन को खास कैसे बनाएं?

विनायक चतुर्थी के दिन उपवास रखना, विशेष रूप से भक्तों के लिए एक अहम परंपरा होती है। इस दिन उपवास करने से आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन बना रहता है। इसके अलावा, घर में लक्ष्मी पूजन करना भी इस दिन की एक महत्वपूर्ण विधि है। यह घर में समृद्धि और सुख-शांति का आगमन करता है।

विनायक चतुर्थी एक ऐसा पर्व है, जो न केवल भगवान गणेश की पूजा का अवसर देता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव और समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग भी खोलता है। इस दिन की पूजा विधि का पालन करके हम अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं। पूजा के दौरान भगवान गणेश से शुभ आशीर्वाद लेने के साथ-साथ उनके द्वारा दी गई राहों पर चलने का संकल्प भी लें।

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