हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय 'कैपिंग' या सब लिमिट की शर्तों को समझना बेहद जरूरी होता है। यह क्लॉज अस्पताल के कुछ खर्चों पर अधिकतम सीमा तय करता है, जिससे पॉलिसीधारक को अनजाने में अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ सकता है। जानिए कैपिंग की परिभाषा, यह किन खर्चों पर लागू होती है और इसके तहत किन नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है।
हेल्थ इंश्योरेंस में कैपिंग या सब लिमिट क्या है?
हेल्थ इंश्योरेंस में 'कैपिंग' या 'सब लिमिट' उस अधिकतम राशि को कहते हैं, जो बीमा कंपनी किसी खास मेडिकल खर्च या सेवा के लिए भुगतान करती है। इसका मतलब यह है कि अस्पताल में इलाज के दौरान कुछ खर्चों जैसे रूम रेंट, आईसीयू चार्ज या विशेष मेडिकल प्रोसिजर की एक सीमा पहले से तय होती है। यदि खर्च इस सीमा से अधिक होता है, तो अतिरिक्त राशि पॉलिसीधारक को खुद वहन करनी पड़ती है।
किन खर्चों पर लागू होती है कैपिंग?
आमतौर पर कैपिंग अस्पताल में रहने के दौरान रूम रेंट, आईसीयू चार्ज, मेडिकल प्रोसिजर, डायग्नोस्टिक टेस्ट और कुछ सर्जिकल खर्चों पर लागू होती है। उदाहरण के तौर पर यदि पॉलिसी में रूम रेंट की कैपिंग 5000 रुपये प्रतिदिन निर्धारित है और अस्पताल का रूम किराया 8000 रुपये प्रतिदिन है, तो बीमा कंपनी केवल 5000 रुपये तक का भुगतान करेगी और बाकी 3000 रुपये बीमित व्यक्ति को खुद चुकाने होंगे।
कैपिंग से जुड़ी शर्तें और सावधानियां
कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में खास बीमारियों या सर्जरी के खर्चों पर भी अलग से कैपिंग लगाई जाती है। इसके अलावा, आईसीयू रूम चार्ज पर भी पॉलिसी के अनुसार 2-4% तक की सीमा हो सकती है। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले इन शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है, ताकि क्लेम के समय कोई अप्रत्याशित खर्च न हो।
कैपिंग के बिना पॉलिसी के विकल्प
बाजार में कुछ ऐसी पॉलिसियां भी उपलब्ध हैं जिनमें रूम रेंट पर कोई कैपिंग नहीं होती। हालांकि, ऐसे विकल्पों का प्रीमियम सामान्य पॉलिसी की तुलना में अधिक होता है। अगर बजट अनुमति देता है तो यह विकल्प बेहतर कवरेज प्रदान करता है, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्च गुणवत्ता वाली अस्पताल सुविधाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
कैपिंग से जुड़ी जानकारी क्यों जरूरी है?
कैपिंग से जुड़ी जानकारी न होने पर पॉलिसीधारक को अस्पताल के बिल का कुछ हिस्सा खुद देना पड़ सकता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है। इसलिए पॉलिसी लेते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपकी आवश्यकताओं के अनुसार कैपिंग की सीमा उपयुक्त हो और पॉलिसी की शर्तें स्पष्ट हों।