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म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले Total Expense Ratio (TER) को समझना क्यों जरूरी है?

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म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले ज्यादातर लोग सिर्फ रिटर्न पर ध्यान देते हैं, लेकिन इससे जुड़े खर्चों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही एक वजह है कि निवेशकों को बाद में अपने रिटर्न्स कम होते नजर आते हैं। दरअसल, म्यूचुअल फंड स्कीम को चलाने के लिए फंड हाउस कुछ शुल्क वसूलता है, जिसे Total Expense Ratio (TER) कहा जाता है। इसे समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह सीधे आपके रिटर्न पर असर डालता है।

Total Expense Ratio (TER) क्या होता है?

Total Expense Ratio (TER) वह फीस या खर्च है, जो म्यूचुअल फंड स्कीम को मैनेज करने के लिए फंड हाउस आपसे वसूलता है। इसमें फंड के प्रबंधन, मार्केटिंग, प्रशासनिक खर्च, लेन-देन शुल्क, कस्टोडियन फीस और ऑडिट फीस जैसी लागतें शामिल होती हैं। यह कुल खर्च आपकी म्यूचुअल फंड की Net Asset Value (NAV) से काट लिया जाता है।

TER को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी फंड का TER 1.5% है, तो इसका मतलब है कि आपकी निवेश की गई राशि में से हर साल 1.5% संचालन खर्च के रूप में लिया जाएगा।

TER की गणना कैसे होती है?

TER की गणना एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर होती है:

TER = (फंड के कुल खर्च / फंड की कुल नेट एसेट्स) × 100

यह एक प्रतिशत होता है, जो बताता है कि आपकी कुल निवेश राशि में से कितनी राशि खर्चों के रूप में काट ली जाएगी। भारत में SEBI ने TER की एक सीमा तय कर रखी है, ताकि निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके। हालांकि, अलग-अलग फंड्स के लिए यह प्रतिशत अलग-अलग हो सकता है।

क्या ज्यादा TER नुकसान पहुंचाता है?

ज्यादा TER का मतलब यह नहीं कि वह फंड खराब है या उसमें निवेश नहीं करना चाहिए। कई बार ऐसे फंड्स जिनका TER ज्यादा होता है, वे बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। दूसरी तरफ, कुछ फंड्स जिनका TER कम होता है, उनका प्रदर्शन औसत रहता है। इसलिए, निवेश का फैसला सिर्फ TER के आधार पर नहीं करना चाहिए।

निवेश करते समय किन बातों पर ध्यान दें?

  • अगर दो फंड्स का प्रदर्शन और रिस्क प्रोफाइल लगभग समान है, तो कम TER वाला फंड चुनना समझदारी हो सकती है।
  • फंड का उद्देश्य और रणनीति जरूर समझें।
  • फंड मैनेजर का अनुभव और उनकी पिछली परफॉर्मेंस पर भी ध्यान दें।

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