Ajit Doval: अजीत कुमार डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को हुआ था। इसलिए वे अपना जन्मदिन 20 जनवरी को मनाते हैं। अजीत कुमार डोभाल, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी और वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हैं। 30 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त हुए डोभाल देश के पाँचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। उनसे पहले शिवशंकर मेनन ने यह पद संभाला था।
प्रारंभिक जीवन
जन्म और परिवार अजीत डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक गढ़वाली परिवार में हुआ।
शिक्षा
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के अजमेर में स्थित मिलिट्री स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (एमए) किया।
आईपीएस की तैयारी
स्नातकोत्तर की पढ़ाई के बाद, उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की परीक्षा की तैयारी की। 1968 में कड़ी मेहनत और समर्पण से, वह केरल कैडर से आईपीएस के लिए चयनित हुए।
एक प्रेरणादायक करियर
अजीत डोभाल ने 1968 में आईपीएस में अपना करियर शुरू किया। उनकी कुशलता और दूरदर्शिता ने उन्हें एक असाधारण अधिकारी बना दिया।
डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए। इस दौरान उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए कई अहम भूमिकाएँ निभाईं।
उग्रवाद विरोधी अभियानों में भूमिका
डोभाल मिज़ोरम, पंजाब और कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्यों में उग्रवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनके नेतृत्व ने कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में देश को सुरक्षित रखा।
2014 में नियुक्ति
30 मई 2014 को अजीत डोभाल को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया।
रणनीतिक सोच
एनएसए के रूप में, उन्होंने देश की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण नीतियाँ बनाई और उनका क्रियान्वयन किया।
चुनौतियों का सामना
सीमा पार आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर उनकी रणनीतिक दृष्टि ने भारत को एक मजबूत रक्षा नीति प्रदान की।
डोभाल डॉक्ट्रिन सुरक्षा की नई परिभाषा
अजीत डोभाल की कार्यशैली को "डोभाल डॉक्ट्रिन" के नाम से जाना जाता है। इसमें "आक्रामक रक्षा नीति" का पालन किया जाता है, जहाँ भारत केवल जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहता, बल्कि संभावित खतरों को पहले ही समाप्त करने पर जोर देता हैं।
प्रमुख योगदान और उपलब्धियाँ
• पंजाब और मिज़ोरम में उग्रवाद को काबू में लाने में उनकी रणनीति का बड़ा योगदान रहा।
• उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद को काबू करने और वहाँ स्थिरता लाने में अहम भूमिका निभाई।
• पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों के पीछे डोभाल की रणनीतिक सोच को माना जाता हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा को नया आयाम
उन्होंने भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को नई दिशा दी।
अजीत डोभाल हमेशा से ही देशभक्ति और सेवा के प्रतीक रहे हैं। उनके शब्द "जय हिंद, जय भारत" न केवल उनका आदर्श व्यक्त करते हैं, बल्कि हर भारतीय के दिल में देशभक्ति का जज़्बा भरते हैं।
डोभाल की प्रेरणा
अजीत डोभाल का जीवन उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो देश की सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उनकी लगन, मेहनत और रणनीतिक कुशलता यह सिखाती है कि एक साधारण शुरुआत से असाधारण ऊँचाई तक पहुँचा जा सकता हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अजीत डोभाल का योगदान अतुलनीय है। उनकी कहानी न केवल भारतीय सुरक्षा प्रणाली के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उनका समर्पण और नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा मार्गदर्शक बना रहेगा।