Armed Forces Veterans Day: प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को भारत में सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश के पूर्व सैनिकों की निस्वार्थ सेवा, अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने का विशेष अवसर है। यह दिवस न केवल हमारे सैनिकों की बहादुरी को सराहता है, बल्कि हमारे नागरिकों को देशभक्ति और त्याग के मूल्यों की याद भी दिलाता हैं।
हर साल 14 जनवरी को मनाया जाने वाला सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस भारत के उन वीर सैनिकों के बलिदान और समर्पण को सम्मानित करता है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। यह दिन उन सैन्य दिग्गजों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का प्रतीक है, जिनकी निस्वार्थ सेवा ने हमें एक सुरक्षित भविष्य दिया।
इतिहास में पहली बार कब मनाया गया?
सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस पहली बार 14 जनवरी 2017 को मनाया गया। यह दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा की 1953 में सेवानिवृत्ति को चिह्नित करता है। यह आयोजन हमारे सैनिकों की अटूट प्रतिबद्धता और अदम्य साहस का जश्न है।
सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस क्यों मनाते हैं?
• दिग्गजों का सम्मान: यह दिन उन सैनिकों की सेवा और बलिदान को पहचानने का अवसर है जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा देश की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया।
• देशभक्ति का संदेश: यह पर्व नई पीढ़ियों को साहस और देशभक्ति के मूल्य समझाने का माध्यम हैं।
• समर्पण की प्रेरणा: दिग्गजों के जीवन से प्रेरणा लेकर यह दिन आम जनता को भी अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता हैं।
कैसे मनाया जाता है यह दिन?
• देशभर में दिग्गजों को सम्मानित करने के लिए परेड और भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में सैन्य अधिकारी, दिग्गज और आम नागरिक शामिल होते हैं।
• शहीदों की याद में युद्ध स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है। यह हमारी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का प्रतीक हैं।
• उत्कृष्ट सेवा देने वाले दिग्गजों को सम्मान पत्र और पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
• स्कूल, कॉलेज और सामुदायिक संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर छात्रों और नागरिकों को दिग्गजों के बलिदानों के बारे में शिक्षित किया जाता हैं।
• सैन्य अधिकारियों और दिग्गजों द्वारा भाषण दिए जाते हैं, जिनमें उनके अनुभव और सेवा की कहानियां शामिल होती हैं।
सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस 2025 थीम पर नजर
साल 2025 के लिए इस दिवस की थीम की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। थीम की जानकारी के लिए सरकारी स्रोतों और समाचार पोर्टलों पर नजर बनाए रखें।
सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस का महत्व
• यह दिन लोगों के मन में देश के प्रति प्रेम और गर्व की भावना को मजबूत करता हैं।
• हमारे सैनिक न केवल हमारी रक्षा करते हैं, बल्कि संकट के समय मानवता की भी सेवा करते हैं।
• दिग्गजों की कहानियां बच्चों और युवाओं को साहस, अनुशासन और निस्वार्थता का महत्व सिखाती हैं।
• सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस से जुड़े तथ्य
• यह दिन पहली बार 2017 में मनाया गया।
• इसे फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा के सम्मान में चिह्नित किया गया।
• यह भारत के सैन्य दिग्गजों की बहादुरी और सेवा का प्रतीक है।
• पूरे देश में इस दिन परेड, भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
• छात्रों को दिग्गजों के योगदान के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम होते हैं।
संदेश और प्रेरणा
सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उन मूल्यों का उत्सव है जो हमारे सैनिकों ने हमें सिखाए हैं – देशभक्ति, साहस और निस्वार्थ सेवा। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे वीर जवानों के बलिदान ने हमें एक सुरक्षित और समृद्ध भारत दिया है। आइए, इस दिन को न केवल एक उत्सव के रूप में मनाएं, बल्कि अपने नायकों के प्रति सच्चा सम्मान व्यक्त करने का संकल्प लें।