Bihar Diwas 2025: बिहार के 113 साल, जानें गौरवशाली इतिहास और रोचक तथ्य

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बिहार का इतिहास सदियों पुराना है, लेकिन आधुनिक बिहार की स्थापना 22 मार्च 1912 को हुई थी, जब इसे बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर एक स्वतंत्र प्रांत बनाया गया। यह दिन बिहार के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देने के लिए हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। 1936 में ओडिशा और 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर दिया गया था, जिससे इसका वर्तमान स्वरूप बना।

बिहार का सबसे बड़ा जिला कौन सा है?

बिहार का सबसे बड़ा जिला पश्चिम चंपारण है, जो 5228 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। राज्य में कुल 38 जिले हैं, जो अपनी अनूठी परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध हैं।

बिहार के राजकीय प्रतीक

राजकीय फूल: गेंदे का फूल
राजकीय पक्षी: गौरेया (जो दिल्ली का भी राजकीय पक्षी है)
राजकीय वृक्ष: पीपल
राजकीय पशु: गंगा डॉल्फिन

बिहार का स्वतंत्रता संग्राम और क्रांतिकारी आंदोलन

1917: महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत की, जो भारत में उनके पहले आंदोलनों में से एक था।
1857: स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला।
1974: जेपी आंदोलन (जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में) भ्रष्टाचार के खिलाफ बिहार के छात्रों द्वारा शुरू किया गया एक ऐतिहासिक आंदोलन था, जिसने देशभर में जनचेतना फैलाई।

बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत

बिहार सिर्फ राजनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी बेहद समृद्ध राज्य है।
नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के शिक्षा केंद्र थे।
बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, जिसे आज UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता प्राप्त है।
छठ पूजा बिहार का सबसे प्रमुख और पवित्र पर्व माना जाता है, जिसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

बिहार दिवस का महत्व

बिहार दिवस राज्य के गौरव को याद करने और इसके विकास में योगदान देने का अवसर होता है। इस दिन पूरे राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम, रैलियाँ, प्रदर्शनियाँ और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। बिहार सरकार भी इस दिन को बड़े पैमाने पर मनाती है और विभिन्न विकास योजनाओं की घोषणा करती है।113 साल के गौरवशाली इतिहास के साथ बिहार न केवल भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा है, बल्कि यह आगे भी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। बिहार दिवस का यह खास अवसर हमें राज्य की समृद्ध परंपराओं, संघर्ष और उपलब्धियों को याद दिलाता है।

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