दुनिया में कुछ देशों में सामाजिक असमानता, कमजोर संस्थान और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्त उपलब्धता भी आर्थिक विषमताओं को गहरा करती हैं। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और निम्न मजदूरी दरें आम नागरिकों को गरीबी से बाहर निकलने के सीमित अवसर प्रदान करती हैं। कुछ मामलों में, धनवान देशों में जीवन यापन की उच्च लागत गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक कठिनाइयाँ पैदा करती है। बढ़ती महंगाई, संपत्ति की ऊँची कीमतें और बुनियादी सेवाओं तक सीमित पहुँच कई लोगों को वित्तीय असुरक्षा की स्थिति में धकेल देती है। कुछ देशों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. कतर
कतर में प्रवासी श्रमिकों की कठिन परिस्थितियों का मुख्य कारण श्रम कानूनों की खामियां और "कफाला" प्रणाली है, जो उन्हें अपने नियोक्ताओं पर अत्यधिक निर्भर बनाती है। इसके तहत श्रमिकों को रोजगार बदलने, देश छोड़ने, या अपनी शिकायतें दर्ज कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालांकि सरकार ने हाल के वर्षों में श्रम सुधारों की घोषणा की है, फिर भी न्यूनतम वेतन, कार्यस्थल सुरक्षा और बेहतर आवास की चुनौतियाँ बनी हुई हैं। अमीरों के लिए ऊंचे जीवन स्तर और प्रवासी श्रमिकों की गरीबी के इस विरोधाभास ने कतर की सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को उजागर किया हैं।
१. कतर की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या
* कतर अरब प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर स्थित है और इसकी सीमा केवल सऊदी अरब से लगती है।
* राजधानी: दोहा (Doha)
* क्षेत्रफल: लगभग 11,581 वर्ग किलोमीटर
* जनसंख्या: लगभग 30 लाख, जिसमें अधिकांश प्रवासी श्रमिक हैं। कतर के मूल नागरिक केवल 10-15% हैं।
२. अर्थव्यवस्था और समृद्धि
* प्राकृतिक संसाधन: कतर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार रखने वाला देश है और तेल उत्पादन में भी अग्रणी है।
* सकल घरेलू उत्पाद (GDP): प्रति व्यक्ति जीडीपी $80,000 से अधिक, जो इसे दुनिया के सबसे अमीर देशों में रखता है।
* मुख्य उद्योग: पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, स्टील, उर्वरक और निर्माण।
* 2022 फीफा वर्ल्ड कप: कतर ने इसे आयोजित किया, जिससे पर्यटन और बुनियादी ढांचे का जबरदस्त विकास हुआ।
2. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मध्य पूर्व का एक अत्यधिक समृद्ध देश है, जो अपनी गगनचुंबी इमारतों, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और व्यापारिक अवसरों के लिए जाना जाता है। हालाँकि, देश में आर्थिक असमानता भी मौजूद है, जहाँ एक ओर अमीर नागरिक विलासिता का जीवन जीते हैं, तो दूसरी ओर प्रवासी श्रमिक कठिन परिस्थितियों में रहते हैं।
१. भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति
* स्थान: खाड़ी क्षेत्र में स्थित UAE सात अमीरातों का एक महासंघ है।
* राजधानी: अबू धाबी
* सबसे बड़ा शहर: दुबई
* अन्य अमीरात: शारजाह, अजमान, उम्म अल-क्वैवैन, रस अल-खैमा, फुजैराह।
* शासन प्रणाली: संघीय राजतंत्र (हर अमीरात का अपना शासक होता है, लेकिन राष्ट्रपति अबू धाबी के शासक होते हैं)।
* वर्तमान राष्ट्रपति: शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (2022 से सत्ता में)।
२. अर्थव्यवस्था और समृद्धि
* तेल और गैस: अबू धाबी में बड़े पैमाने पर तेल भंडार हैं, जिससे UAE अत्यधिक समृद्ध बना।
* विविधीकरण: दुबई ने पर्यटन, रियल एस्टेट, फाइनेंस और टेक्नोलॉजी पर ध्यान देकर अपनी अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से अलग किया।
* GDP: 2024 में अनुमानित $500 बिलियन से अधिक।
* प्रति व्यक्ति आय: लगभग $80,000+ (हालांकि यह स्थानीय नागरिकों तक सीमित है)।
* व्यापारिक केंद्र: दुबई मध्य पूर्व का वित्तीय केंद्र है और दुनिया का एक प्रमुख व्यापारिक हब।
3. सऊदी अरब
सऊदी अरब दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है। इसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भर है, जिससे देश ने अपार संपत्ति अर्जित की है। हालाँकि, इस समृद्धि के बावजूद, देश में आर्थिक असमानता, बेरोजगारी और सामाजिक चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
१. भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति
* स्थान: मध्य पूर्व, अरब प्रायद्वीप का सबसे बड़ा देश।
* राजधानी: रियाद
* सबसे बड़े शहर: जेद्दाह, मक्का, मदीना, दमाम।
* शासन प्रणाली: पूर्ण राजतंत्र (शाही परिवार का शासन)
* वर्तमान शासक: किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद (2015 से)
* क्राउन प्रिंस: मोहम्मद बिन सलमान (MBS) - जो वर्तमान में देश के वास्तविक शासक माने जाते हैं।
२. अर्थव्यवस्था और तेल निर्भरता
* तेल भंडार: सऊदी अरब के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक है।
* राजस्व: देश की लगभग 90% अर्थव्यवस्था तेल और गैस से चलती है।
* GDP: 2024 में अनुमानित $1 ट्रिलियन से अधिक।
* प्रति व्यक्ति आय: लगभग $27,000, लेकिन वास्तविकता में धन वितरण असमान है।
* विजन 2030: सऊदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को विविध बनाने (टूरिज्म, टेक्नोलॉजी, एंटरटेनमेंट) के लिए यह योजना शुरू की है।
4. नाइजीरिया
नाइजीरिया अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यह विशाल तेल और प्राकृतिक गैस भंडार से समृद्ध है, लेकिन भ्रष्टाचार, खराब शासन और आर्थिक कुप्रबंधन के कारण अधिकांश नागरिक गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
१. भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति
* स्थान: पश्चिम अफ्रीका में स्थित।
* राजधानी: अबुजा
* सबसे बड़ा शहर: लागोस (अफ्रीका का सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर)।
* शासन प्रणाली: संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य।
* वर्तमान राष्ट्रपति: बोला टीनुबू (2023 से)।
२. तेल समृद्धि और अर्थव्यवस्था
* तेल भंडार: नाइजीरिया के पास अफ्रीका के सबसे बड़े तेल भंडार हैं।
* अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ: तेल और गैस निर्यात से देश की 80% सरकारी आय आती है।
* GDP: लगभग $500 बिलियन (अफ्रीका में सबसे बड़ी)।
* प्रति व्यक्ति आय: लगभग $2,000, लेकिन वास्तविकता में धन का वितरण असमान है।
* अर्थव्यवस्था की समस्याएँ: तेल पर अत्यधिक निर्भरता, जबकि अन्य क्षेत्रों का विकास धीमा। वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट से आर्थिक अस्थिरता औद्योगीकरण और बुनियादी ढांचे में कमी।
5. वेनेजुएला
वेनेजुएला कभी लैटिन अमेरिका का सबसे समृद्ध देश था, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण यह अब एक गंभीर आर्थिक और मानवीय संकट का सामना कर रहा है। देश के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार हैं, फिर भी वेनेजुएला आज अत्यधिक मुद्रास्फीति, खाद्यान्न की कमी और गरीबी से जूझ रहा है।
१. भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति
* स्थान: दक्षिण अमेरिका के उत्तर में स्थित।
* राजधानी: काराकस।
* शासन प्रणाली: समाजवादी राष्ट्रपति प्रणाली।
* वर्तमान राष्ट्रपति: निकोलस मादुरो (2013 से, विवादित चुनावों के बाद)।
* विपक्षी नेता: जुआन ग्वाइदो (2019 में खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया, लेकिन प्रभाव सीमित रहा)।
२. तेल भंडार और अर्थव्यवस्था
* तेल भंडार: वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा प्रमाणित तेल भंडार (~303 बिलियन बैरल)।
* आय का मुख्य स्रोत: तेल निर्यात, जो 90% से अधिक सरकारी राजस्व लाता था।
* GDP: 2012 में $350 बिलियन से अधिक, लेकिन अब गिरकर $100 बिलियन से कम हो गया है।
* प्रति व्यक्ति आय: कभी $10,000 से अधिक, लेकिन अब $2,500 से भी कम।
* अर्थव्यवस्था का पतन: सरकार की गलत नीतियों और अमेरिका के प्रतिबंधों से तेल उत्पादन में भारी गिरावट आई। हाइपरइन्फ्लेशन (2018 में 1,000,000% तक पहुंच गया) ने मुद्रा को बेकार कर दिया। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी "पेट्रो" को लॉन्च करने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रही।
6. अंगोला
अंगोला एक तेल और हीरे से समृद्ध अफ्रीकी देश है, लेकिन भ्रष्टाचार, कमजोर बुनियादी ढांचे और राजनीतिक अस्थिरता के कारण अधिकांश नागरिक अभी भी गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
१. भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति
* स्थान: दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका।
* राजधानी: लुआंडा (सब-सहारा अफ्रीका के सबसे महंगे शहरों में से एक)।
* शासन प्रणाली: राष्ट्रपति प्रणाली।
* वर्तमान राष्ट्रपति: जोआओ लोरेंको (2017 से)।
* पूर्व राष्ट्रपति: जोसे एडुआर्डो डॉस सैंटोस (1979-2017, 38 साल तक शासन किया)।
२. तेल, हीरे और अर्थव्यवस्था
* तेल भंडार: अंगोला अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश (नाइजीरिया के बाद)।
* हीरा उत्पादन: अंगोला दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा उत्पादक देश है।
* GDP: लगभग $80 बिलियन, लेकिन प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है।
* आर्थिक असमानता: अमीर वर्ग (सरकारी अधिकारी और बिजनेसमैन) अपार संपत्ति के मालिक हैं। आम लोग बुनियादी सुविधाओं (पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा) के बिना जीवन जीते हैं।
* आय का असमान वितरण: तेल और हीरों से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा भ्रष्ट अधिकारियों और विदेशी कंपनियों के पास जाता है। गरीब जनता को इसका सीधा लाभ नहीं मिलता।