दुर्गा नवमी: शक्ति और श्रद्धा का पर्व, आइये जानते है दुर्गा नवमी का महत्व |

दुर्गा नवमी: शक्ति और श्रद्धा का पर्व, आइये जानते है दुर्गा नवमी का महत्व |
Last Updated: 2 घंटा पहले

दुर्गा नवमी का महत्व

दुर्गा नवमी, जिसे महा नवमी भी कहा जाता है, नवरात्रि के अंतिम दिनों में मनाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक के रूप में माता सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष दिन है। इस वर्ष, दुर्गा नवमी 18 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।

माता सिद्धिदात्री की पूजा

दुर्गा नवमी के दिन, भक्त माता सिद्धिदात्री की आराधना करते हैं, जो सभी इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती हैं। इस दिन भक्त विशेष पूजा और अर्चना करते हैं, और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। पूजा के दौरान, भक्त विशेष मंत्रों का जाप करते हैं और माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 

विशेष अनुष्ठान और रश्मियाँ

इस दिन कई स्थानों पर विशेष अनुष्ठान और यज्ञ का आयोजन किया जाता है। महिलाएँ उपवास रखती हैं और देवी के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित करती हैं। भक्तजन इस अवसर पर विशेष प्रसाद तैयार करते हैं, जिसमें कुट्टू का आटा, फल और अन्य वैष्णव भोजन शामिल होते हैं।

विजयदशमी की तैयारी

दुर्गा नवमी के बाद विजयदशमी का पर्व आता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन विभिन्न स्थानों पर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। भक्त इस दिन को बेहद उत्साह के साथ मनाने की तैयारी करते हैं।

 

सामाजिक एकता और भाईचारा

दुर्गा नवमी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी अवसर है। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और एकजुट होकर इस पर्व का आनंद लेते हैं।

 

संकल्प और प्रेरणा

दुर्गा नवमी हमें याद दिलाती है कि हमें अपने जीवन में अच्छाई और धर्म का पालन करना चाहिए। भक्तजन इस दिन अपने जीवन में सकारात्मकता लाने का संकल्प लेते हैं और देवी से शक्ति प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

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