International Day Of Human Frateniy 2025: वैश्विक शांति और सहिष्णुता का प्रतीक, जानें इसका महत्व और इतिहास

International Day Of Human Frateniy 2025: वैश्विक शांति और सहिष्णुता का प्रतीक, जानें इसका महत्व और इतिहास
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

International Day Of Human Frateniy: अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस हर वर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिवस विश्वभर में सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 21 दिसंबर 2020 को संकल्प 75/200 के तहत स्थापित किया गया था। इस दिवस की पहल मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने संयुक्त रूप से की थी। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और समुदायों के बीच आपसी समझ और शांति को प्रोत्साहित करना हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस की स्थापना

•    संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2020 में मान्यता प्राप्त।
•    मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा सह-प्रस्तावित।
•    विश्वभर में सांस्कृतिक एवं धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित।
•    पहली बार 4 फरवरी 2021 को मनाया गया।

इस दिवस के आयोजन और समारोह

अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस के अवसर पर विभिन्न वैश्विक नेताओं, धार्मिक गुरुओं और सामाजिक संगठनों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

मुख्य आयोजन

•    संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक कार्यक्रम: विश्वभर के सदस्य राष्ट्र इस अवसर पर संगोष्ठियों और संवाद सत्रों का आयोजन करते हैं।
•    धार्मिक नेताओं की भागीदारी: विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक गुरु इस दिवस पर शांति और सद्भावना के संदेश साझा करते हैं।
•    मानव बंधुत्व के लिए ज़ायद पुरस्कार: यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने वैश्विक शांति और मानवता के कल्याण में असाधारण योगदान दिया हैं।

महत्वपूर्ण वैश्विक समर्थन

•    इस दिवस को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय नेताओं का समर्थन प्राप्त है। प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं।
•    पोप फ्रांसिस – रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख, जिन्होंने इस पहल का समर्थन किया।
•    शेख अहमद अल-तैयब – अल-अजहर के ग्रैंड इमाम, जिन्होंने इस दिवस के महत्व को रेखांकित किया।
•    जो बाइडेन – संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति, जिन्होंने मानव बंधुत्व दिवस को वैश्विक शांति के लिए आवश्यक बताया।

पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक पहल

इस दिवस की नींव 4 फरवरी 2019 को अबू धाबी में रखी गई थी, जब पोप फ्रांसिस और शेख अहमद अल-तैयब ने विश्व शांति और सह-अस्तित्व के लिए ‘मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़’ पर हस्ताक्षर किए। इस दस्तावेज़ को ‘अबू धाबी घोषणा’ के रूप में भी जाना जाता हैं।

•    अबू धाबी घोषणा के मुख्य सिद्धांत
•    मानव एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना।
•    सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता को मजबूत करना।
•    सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में काम करना।

इसके बाद, 2019 में 'ह्यूमन फ्रेटरनिटी हाई कमेटी' (HCHF) का गठन किया गया, जो विभिन्न धार्मिक और सामाजिक नेताओं द्वारा संचालित है। यह समिति मानवता की भलाई के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों को आगे बढ़ाने में योगदान देती हैं।

मानव बंधुत्व के लिए ज़ायद पुरस्कार

‘मानव बंधुत्व के लिए ज़ायद पुरस्कार’ उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने वैश्विक शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं।

पुरस्कार के मुख्य बिंदु

•    मानवता की सेवा करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करता है।
•    सांस्कृतिक समावेशन और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाले कार्यों को मान्यता देता है।
•    2021 में पहली बार यह पुरस्कार पोप फ्रांसिस और शेख अहमद अल-तैयब को प्रदान किया गया।

मानव बंधुत्व दिवस का महत्व

•    सांस्कृतिक विविधता को अपनाना – यह दिवस विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बीच आपसी सम्मान को प्रोत्साहित करता हैं।
•    धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना – धर्मों के बीच संवाद को बढ़ाने और सहिष्णुता को प्रोत्साहित करने का कार्य करता हैं।
•    सामाजिक समानता – यह दिवस सभी लोगों के लिए समान अधिकारों की वकालत करता हैं।
•    शांति और भाईचारे का संदेश – वैश्विक स्तर पर शांति बनाए रखने और संघर्षों को कम करने के लिए प्रेरित करता हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो दुनिया को एकता, शांति और सह-अस्तित्व की ओर ले जाने का प्रयास करता है। यह दिवस हमें सिखाता है कि धर्म, जाति और संस्कृति के भेदभाव से ऊपर उठकर हम सब एक मानव परिवार का हिस्सा हैं।

इस दिवस के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक समुदाय यह संदेश देता है कि भाईचारे और सहिष्णुता के बिना दुनिया में स्थायी शांति संभव नहीं हैं।

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