अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस हर साल 18 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करना, उनके योगदान को मान्यता देना और प्रवास से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसंबर 2000 को 18 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 18 दिसंबर 1990 को "प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन" को अपनाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस: क्या है इसका इतिहास
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस को आधिकारिक तौर पर 18 दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषित किया था। यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि 18 दिसंबर 1990 को प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र ने इसे वैश्विक प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान के लिए एक विशेष दिन के रूप में स्थापित किया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रवासियों की समस्याओं को समझना और उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए जागरूकता फैलाना था।
प्रवासियों का योगदान क्यों अहम है यह दिन
· प्रवासी समुदाय अपने मेजबान देश और मूल देश दोनों की अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। उनके बिना कई देशों की अर्थव्यवस्था सुचारु रूप से काम नहीं कर सकती।
· आर्थिक योगदान: प्रवासी श्रमिक हर साल अरबों डॉलर की रेमिटेंस (विदेश से भेजी गई धनराशि) अपने देशों में भेजते हैं।
· सांस्कृतिक योगदान: प्रवास से अलग-अलग संस्कृतियों का मिलन होता है और विविधता को बढ़ावा मिलता हैं।
· विकास में भागीदारी: प्रवासी कौशल, ज्ञान और श्रमशक्ति का बड़ा स्रोत हैं।
· हालांकि, प्रवासियों को कई बार भेदभाव, शोषण और असुरक्षित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस दिन का उद्देश्य उनके अधिकारों की रक्षा करना और उनके योगदान को वैश्विक स्तर पर सम्मानित करना हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2024 थीम
2024 की थीम है: “प्रवासियों के योगदान का सम्मान और उनके अधिकारों का सम्मान”।
यह थीम दुनिया को यह याद दिलाती है कि प्रवासियों का योगदान हमारी अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रवासी मुद्दों पर जागरूकता क्यों जरूरी है?
· असुरक्षित प्रवास: कई प्रवासी अवैध या असुरक्षित मार्गों के कारण जोखिम में पड़ जाते हैं।
· भेदभाव और शोषण: प्रवासियों को अपने मेजबान देश में अक्सर भेदभाव और मानसिक-शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता हैं।
· बुनियादी सुविधाओं की कमी: शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे अधिकारों तक पहुंच में कठिनाई होती हैं।
· जलवायु परिवर्तन और युद्ध: जलवायु परिवर्तन और संघर्ष प्रवास का एक बड़ा कारण बन चुके हैं।
· इस दिन पर इन मुद्दों को वैश्विक स्तर पर उठाया जाता है ताकि एक सुरक्षित और सम्मानजनक प्रवास को सुनिश्चित किया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस कैसे मनाया जाता है?
· जागरूकता कार्यक्रम: दुनिया भर में प्रवासियों के अधिकारों और उनके योगदान को उजागर करने के लिए कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
· नीति संवाद: सरकारें और संगठन प्रवास के सुरक्षित प्रबंधन के लिए नीतिगत चर्चाएं करते हैं।
· सांस्कृतिक कार्यक्रम: प्रवासियों के योगदान को पहचानने और उनका सम्मान करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
· सशक्तिकरण पहल: प्रवासियों को शिक्षित करने और उन्हें रोजगार देने की योजनाओं पर जोर दिया जाता हैं।
प्रवासन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
· 281 मिलियन से अधिक प्रवासी: 2023 तक वैश्विक स्तर पर 281 मिलियन से अधिक लोग प्रवास कर चुके हैं।
· प्रमुख प्रवासी मेजबान देश: संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, सऊदी अरब और रूस।
· प्रवास के मुख्य कारण: रोजगार, शिक्षा, परिवार, युद्ध और जलवायु परिवर्तन।
· संयुक्त राष्ट्र का प्रयास: प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी गरिमा को बनाए रखने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस केवल एक दिन नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है यह समझने का कि प्रवासी किसी देश के लिए बोझ नहीं, बल्कि एक संपत्ति हैं। उनके अधिकारों की सुरक्षा करना और उनके योगदान को पहचानना हमारी जिम्मेदारी हैं।
इस दिन के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रवासी गरिमा, सुरक्षा और सम्मान के साथ एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।