राष्ट्रीय बार्बी और बार्नी बैकलैश दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन उन प्रसिद्ध किरदारों और खिलौनों को लेकर एक हल्की-फुल्की आलोचना का अवसर प्रदान करता है जिन्होंने बच्चों के मनोरंजन और खिलौने के संसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन कुछ सालों बाद ये अब कुछ लोगों के लिए कष्टप्रद और थकाऊ हो सकते हैं। इस दिन का उद्देश्य बार्बी और बार्नी जैसे खिलौनों और उनके प्रभाव पर मजेदार और आलोचनात्मक नजरिया डालना हैं।
बार्नी बैकलैश डे हमें हमारे बचपन के सबसे प्रसिद्ध किरदारों से थोड़ा सा राहत दिलाने का एक मौका देता है। यह दिन एक हल्के-फुल्के तरीके से उन खिलौनों और टीवी शो के बारे में चर्चा करने का अवसर है, जिन्होंने कभी हमें या हमारे बच्चों को बहुत आकर्षित किया था, लेकिन अब वो हमारी आदतों और भावनाओं के खिलाफ हो सकते हैं।
बार्बी और बार्नी बैकलैश डे का इतिहास
16 दिसंबर को मनाए जाने वाले इस दिन का उद्देश्य बार्बी और बार्नी जैसे चर्चित खिलौनों और किरदारों पर एक हल्का सा विरोध और मज़ाक करना है। जब हम बचपन में बार्बी डॉल के साथ खेलते थे या बार्नी के "आई लव यू" गाने पर झूमते थे, तो वह हमें खुश करते थे। लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, वही आवाज़ें और दृश्य अब हमें कुछ ज्यादा ही परेशान करने लगते हैं। बार्बी, जो एक सुनहरे बालों वाली आदर्श महिला का प्रतीक बनी, और बार्नी, जो बच्चों के लिए प्यारा बैंगनी डायनासोर था, इन दोनों ने हमारे जीवन में कई सालों तक अहम भूमिका निभाई।
बार्बी की फैशन डॉल्स और बार्नी के दोस्ताना गीत शायद अब हमें थोड़े पुराने और ऊबाऊ लगने लगे हैं। इस दिन का उद्देश्य इन दोनों आइकन्स को एक नज़रिए से देखना है, और हंसी-मज़ाक के साथ इस पर विचार करना है कि कैसे ये किरदार हमारे बचपन से लेकर अब तक के जीवन में स्थान रखते हैं।
बार्बी और बार्नी कब हुए इनकी लोकप्रियता में बदलाव?
बार्नी का पहला एपिसोड 1992 में प्रसारित हुआ था, और उसके साथ एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करने और मनोरंजन करने का काम किया। उसकी प्रिय "आई लव यू" धुन और नृत्य बच्चों के दिलों में बस गए थे। लेकिन समय के साथ, बार्नी की रंगीन दुनिया अब हमें उतनी आकर्षक नहीं लगती। बच्चों के लिए इसके संदेश अब हमें थोड़ा अवास्तविक और आदर्शवादी लग सकते हैं, क्योंकि वह दुनिया को एक ऐसी जगह दिखाता था, जहां सब कुछ सही और सुंदर होता था।
इसी तरह, बार्बी भी एक समय पर हमारे जीवन का हिस्सा बन गई थी। 1959 में बार्बी की शुरुआत हुई, और तब से वह बच्चों के खिलौनों की दुनिया की सबसे बड़ी पहचान बन गई। लेकिन आज के समय में, बार्बी का आदर्श सौंदर्य मानक और उसके पतले शरीर का रूप कई आलोचनाओं का शिकार हो चुका है। हालांकि, बार्बी ने अब अपने आकार, रंग और पेशे के आधार पर अधिक विविधता पेश की है, फिर भी उसकी पहली छवि कई लोगों के लिए एक विवाद का विषय बन चुकी हैं।
बार्बी और बार्नी बैकलैश डे पर क्या करें?
1. बच्चों को कहानी सुनाएं
बार्बी की फिल्मों से बोर हो गए हैं? बार्नी के गाने बार-बार सुनने से थक गए हैं? तो यह सही वक्त है बच्चों को एक नई कहानी सुनाने का। किताबें पढ़ना और बिना बार्बी-बार्नी के किरदारों के नई दुनिया में खो जाना, एक नया अनुभव हो सकता हैं।
2. सोशल मीडिया पर अपनी जलन दिखाएं
क्या बार्बी और बार्नी के गाने, शो या खिलौने आपको परेशान करते हैं? सोशल मीडिया पर इसे साझा करें और हैशटैग #BarbieAndBarneyBacklashDay का उपयोग करें। अपने विचारों को मजाक के रूप में व्यक्त करना और दूसरों से जुड़ना एक मजेदार तरीका हो सकता हैं।
3. अपनी बार्नी पैरोडी बनाएं
बार्नी के गानों और नृत्य पर एक पैरोडी बनाएं। यह एक हल्का-फुल्का तरीका है बार्बी और बार्नी के शो को फिर से देखे बिना उनका मज़ाक उड़ाने का। हालांकि, ध्यान रखें कि यह पैरोडी बच्चों के अनुकूल हो।
बार्बी और बार्नी के बारे में 5 परेशान करने वाले तथ्य
· बार्बी का गाना "बार्बी गर्ल": यह गाना 1997 में रिलीज़ हुआ था और बेहद प्रसिद्ध हुआ था, लेकिन इसकी चुलबुली धुन कई बार बहुत परेशान कर सकती हैं।
· दुनिया का सबसे बड़ा बार्बी संग्रह: जर्मनी की बेट्टीना डोर्फ़मैन के पास 15,000 से ज्यादा बार्बी डॉल्स का संग्रह है, जो गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
बेयोंसे का बार्बी पर खर्च: बेयोंसे और उनके पति जे-जेड ने अपनी बेटी के पहले जन्मदिन पर 80,000 डॉलर की कीमत वाली हीरे जड़ी बार्बी डॉल खरीदी।
· बार्नी का भ्रमपूर्ण संदेश: बार्नी शो में यह संदेश दिया जाता था कि दुनिया हमेशा सुंदर और समस्याओं से मुक्त है, जो कभी-कभी अवास्तविक लगता हैं।
· बार्नी का अजीब डांस: बार्नी का नृत्य और उसका पूरा सेटअप हमेशा से एक आदर्श और बहुत परफेक्ट दुनिया की तरह प्रतीत होता था, जो कई बच्चों को विचलित कर सकता था।
बार्बी और बार्नी बैकलैश डे क्यों मनाएं?
यह दिन हमें उन चीजों से राहत दिलाने का एक बहाना देता है, जो कभी हमें पसंद थीं, लेकिन अब हमें उनमें कोई खास मज़ा नहीं आता। बार्नी की डरावनी हंसी और बार्बी के आदर्शवादी रूप को नकारने का यह दिन हमें अपनी पुरानी यादों पर एक हल्के और मजेदार नज़रिए से विचार करने का अवसर देता है।
तो, अगली बार जब आप बार्बी या बार्नी के बारे में सोचें, तो याद रखें कि यह दिन हमें यह सिखाता है कि हर चीज़ की अपनी जगह है, चाहे वह कितनी भी बेवकूफ क्यों न लगे!