National Seasonal Change Day: प्रकृति ने हमें जो वरदान दिया है, उसमें ऋतु परिवर्तन का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा प्राकृतिक चक्रीय प्रक्रिया है, जो पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने और पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण होती है। ऋतु परिवर्तन का प्रभाव न केवल मौसम पर बल्कि हमारे जीवन, कृषि, और पारितंत्र पर भी पड़ता है। हर साल 3 फरवरी को राष्ट्रीय ऋतु परिवर्तन दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हमें ऋतु परिवर्तन के वैज्ञानिक कारणों और इसके प्रभाव को समझने के लिए जागरूक करना हैं।
ऋतु परिवर्तन का वैज्ञानिक कारण
ऋतु परिवर्तन का मुख्य कारण पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करना और पृथ्वी का अक्षीय झुकाव है। पृथ्वी का अक्षीय झुकाव लगभग 66.5 डिग्री होता है, जो साल भर में सूर्य की स्थिति के आधार पर अलग-अलग होता है। इस वजह से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में अलग-अलग मौसम उत्पन्न होते हैं। इस चक्रीय बदलाव का असर पृथ्वी के हर हिस्से में विभिन्न ऋतुओं का निर्माण करता है, जिनमें ग्रीष्म, वर्षा, शरद, वसंत, हेमंत, और शिशिर ऋतुएं प्रमुख हैं।
भारत में ऋतुएं
• वसंत ऋतु: फरवरी से मार्च तक होती है और मौसम खुशनुमा होता हैं।
• ग्रीष्म ऋतु: मार्च से जून तक होती है और इस दौरान गर्मी का असर अधिक होता हैं।
• वर्षा ऋतु: जुलाई से सितंबर तक होती है, जब भारी बारिश होती हैं।
• शरद ऋतु: अक्टूबर से नवंबर तक होती है, और मौसम ठंडा तथा सुखद रहता हैं।
• हेमंत ऋतु: दिसंबर से 15 जनवरी तक होती है, जब सर्दी बढ़ जाती है।
• शिशिर ऋतु: 16 जनवरी से फरवरी तक होती है, जिसमें सर्दी की चरम स्थिति होती हैं।
ऋतु परिवर्तन का पारितंत्र पर प्रभाव
ऋतु परिवर्तन का असर न केवल मौसम पर, बल्कि पारितंत्र पर भी पड़ता है। विभिन्न ऋतुओं के दौरान मौसम की दशाओं में बदलाव होने के कारण प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, जीवों का व्यवहार, और कृषि कार्य में भी बदलाव आते हैं। उदाहरण के लिए, वर्षा ऋतु में जलवायु में नमी अधिक होती है, जो कृषि के लिए फायदेमंद होती है, जबकि ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी से जल की कमी हो सकती है, जो कृषि और पारितंत्र दोनों को प्रभावित करती हैं।
मानव जीवन पर ऋतु परिवर्तन का असर
ऋतु परिवर्तन का प्रभाव मानव जीवन पर भी पड़ता है। इससे कृषि कार्य, शारीरिक गतिविधियाँ, खानपान, कपड़े और जीवनशैली में बदलाव होता है। ग्रीष्म ऋतु में अधिक ठंडे पदार्थ और पानी की आवश्यकता होती है, जबकि शिशिर ऋतु में गर्म कपड़े और हल्का आहार पसंद किया जाता हैं।
राष्ट्रीय ऋतु परिवर्तन दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय ऋतु परिवर्तन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हमारे बीच ऋतु परिवर्तन के महत्व और इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह दिन हमें प्रकृति के इस अद्भुत चक्रीय बदलाव को समझने और उसके अनुसार अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करता हैं।
ऋतु परिवर्तन प्राकृतिक विज्ञान का एक अहम हिस्सा है। यह प्रकृति के अद्भुत संतुलन और जीवन के विविध पहलुओं को प्रभावित करता है। हम जितना अधिक इस चक्रीय प्रक्रिया को समझेंगे, उतना ही बेहतर तरीके से हम अपनी कृषि, जीवनशैली, और पर्यावरण को संतुलित कर सकते हैं। इसलिए, राष्ट्रीय ऋतु परिवर्तन दिवस हमें इस महत्वपूर्ण बदलाव को समझने और सम्मानित करने का एक अवसर प्रदान करता है।