National Youth Day: हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से देशभर में युवा पीढ़ी को प्रेरित करने, स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को फैलाने और उनके विचारों से प्रेरित होकर देश के विकास में योगदान देने के लिए मनाया जाता है। प्रतिवर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
यह दिन विशेष रूप से युवाओं के बीच स्वामी विवेकानंद के विचारों को फैलाने और देश के निर्माण में उनकी भूमिका को प्रेरित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत वर्ष 1984 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस दिन, स्कूलों, कॉलेजों, और विभिन्न संस्थानों में स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके आदर्शों को समर्पित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 की थीम 'युवा एक स्थायी भविष्य के लिए'
इस वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम "युवा एक स्थायी भविष्य के लिए: लचीलेपन और जिम्मेदारी के साथ राष्ट्र को आकार देना" (Youth for a Sustainable Future: Shaping the Nation with Resilience and Responsibility) रखी गई है। यह विषय युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है और साथ ही उन्हें लचीलेपन और जिम्मेदारी के साथ अपने भविष्य के निर्माण में योगदान देने की दिशा में मार्गदर्शन करता हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों को बढ़ावा देना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि राष्ट्र की प्रगति में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि यदि युवा अपने आत्मविश्वास को जागरूक कर लें, तो वे समाज और देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद का जीवन और योगदान
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनका वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ था। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उनकी अद्वितीय मानसिक शक्ति और धार्मिक विचारों ने उन्हें समाज में एक प्रेरणा के रूप में स्थापित किया। स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज के सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए और विशेष रूप से वे युवाओं के उत्थान के पक्षधर रहे।
स्वामी विवेकानंद के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण 1893 में शिकागो धर्म महासभा में हुआ, जहाँ उन्होंने अपने ऐतिहासिक भाषण में भारत और भारतीय संस्कृति का परिचय दुनिया से कराया। "आपका भारत" शब्दों से प्रेरित होकर उन्होंने मानवता और धर्म के बीच मेलजोल की आवश्यकता पर बल दिया।
स्वामी विवेकानंद का जीवन यह संदेश देता है कि अगर हम अपने उद्देश्य में सच्चे रहें और अपने आत्मविश्वास को जगाए रखें, तो कोई भी मुश्किल हमें हमारे लक्ष्य तक पहुँचने से रोक नहीं सकती।
स्वामी विवेकानंद के विचारों का प्रभाव
स्वामी विवेकानंद के विचारों ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके विचार आज भी हमारे समाज में प्रासंगिक हैं। उनका आदर्श था – "उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।" स्वामी विवेकानंद ने हमेशा यह कहा कि युवा समाज का स्तंभ होते हैं और अगर वे अपनी शक्ति और कौशल का सही दिशा में उपयोग करें तो वे समाज के लिए महान बदलाव ला सकते हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस की ऐतिहासिक शुरुआत
स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत भारत सरकार ने वर्ष 1984 में की थी। तब से प्रतिवर्ष 12 जनवरी को इस दिन को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके आदर्शों पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, युवा सशक्तिकरण, राष्ट्र निर्माण और समाज में उनके योगदान को लेकर विचार-विमर्श भी होते हैं।
इस दिन का उद्देश्य और महत्व
राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य न केवल स्वामी विवेकानंद के विचारों को फैलाना है, बल्कि यह युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरित करके उन्हें सकारात्मक दिशा में चलने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि राष्ट्र निर्माण के लिए युवा शक्ति का सकारात्मक उपयोग बेहद जरूरी हैं।
सतत भविष्य के लिए लचीला और जिम्मेदार युवा
इस वर्ष की थीम "युवा एक स्थायी भविष्य के लिए: लचीलेपन और जिम्मेदारी के साथ राष्ट्र को आकार देना" ने युवाओं को यह सिखाया है कि केवल आत्मनिर्भरता से ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से भरे हुए कदमों से समाज और देश के लिए एक स्थायी भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। यह थीम विशेष रूप से उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने जीवन के उद्देश्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और अपनी पहचान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस केवल एक दिवस का उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब हम अपने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से जोड़कर उन्हें प्रेरित करते हैं। स्वामी विवेकानंद का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि युवाओं का विकास केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के लिए नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के समृद्धि और विकास के लिए जरूरी है। अत: राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 युवाओं को अपनी शक्ति, क्षमता और जिम्मेदारी को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता हैं।