New Year's Resolution Breaking Day: हर साल 17 जनवरी को मनाया जाता है "नए साल के संकल्प त्यागने का दिवस"। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिन्होंने नए साल में खुद से कुछ संकल्प किए थे, लेकिन अब महसूस कर रहे हैं कि वे उन संकल्पों को पूरी तरह से निभाने में सक्षम नहीं हैं। इस दिन का उद्देश्य है उन संकल्पों को छोड़ने और बिना किसी अपराधबोध के नए साल के मार्ग पर आगे बढ़ने का अवसर देना।
17 जनवरी को जब हम नए साल के संकल्प दिवस का जश्न मनाते हैं, तो यह हमें उस समय का एहसास दिलाता है जब हम अपने नए साल के संकल्पों को छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि इस साल के संकल्पों की सफलता या असफलता का क्या कारण है, तो इस दिन को मनाना एक बेहतरीन तरीका हो सकता हैं।
नए साल के संकल्प दिवस का इतिहास
17 जनवरी का यह दिन एक ऐसा अवसर है जब लोग उन संकल्पों को छोड़ सकते हैं जिन्हें वे बस पहली कुछ दिनों तक ही पूरी तरह से मानते थे। क्या आप जानते हैं कि तीन में से एक व्यक्ति अपना नया साल संकल्प पहले ही महीने में छोड़ देता है? स्क्रैंटन विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार, लगभग 80% लोग अपने संकल्पों को पूरा नहीं कर पाते। इस कारण से, नए साल के संकल्प दिवस का अस्तित्व और महत्व इस तथ्य से जुड़ा हुआ है कि अधिकांश लोग अपने संकल्पों को त्वरित रूप से छोड़ देते हैं।
इतिहास में नए साल के संकल्पों की परंपरा कई हजार साल पुरानी है। 4,000 साल पहले बेबीलोनियन संस्कृति में अकीतु त्योहार के दौरान नए साल के संकल्पों की परंपरा शुरू हुई थी। इस समय से ही यह आदत बन गई कि हम अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए संकल्प लेते हैं, लेकिन यह बदलाव हमें सचमुच तब तक नहीं मिलता जब तक कि हम अपने जीवन में खुद से प्रेरित न हों।
नए साल के संकल्प दिवस का उद्देश्य
यह दिन उन सभी संकल्पों को छोड़ने का एक अवसर प्रदान करता है जिन्हें हम महज मजबूरी या सामाजिक दबाव के चलते अपनाते हैं। 17 जनवरी को हम अपने संकल्पों को त्याग सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि हमारी प्रतिबद्धता तभी मजबूत होती है जब हम उन्हें दिल से अपनाते हैं, न कि सिर्फ एक तारीख के बदलाव से।
आज का दिन हमें यह याद दिलाने के लिए है कि जीवन में बदलाव असल में एक आंतरिक प्रक्रिया है, और जब तक हम अपनी आदतों और लक्ष्यों को अपने भीतर से प्रेरित नहीं करेंगे, तब तक हम उन्हें पूरा नहीं कर सकते।
नए साल के संकल्प दिवस की गतिविधियाँ
• कैलोरी की चिंता किए बिना आइसक्रीम खाएँ, जिम जाने की दिनचर्या से खुद को मुक्त करें, और बस आराम से बैठें। यह दिन आपको अपने संकल्पों से छुटकारा पाने का एक मौका देता है, जिससे आप बिना किसी दबाव के खुद को समय दे सकते हैं।
• भले ही आपने अपने संकल्पों को पूरा नहीं किया हो, कम से कम आपने कोशिश की! अब आगे बढ़ें और बेहतर चीज़ों की ओर देखें। खुद को प्रोत्साहित करें कि आपने इस साल की शुरुआत की थी, और अगले साल कुछ नया करेंगे!
• प्रगति का हमेशा जश्न मनाया जाता है, तो असफलताओं का क्यों नहीं? दुनिया को बताइए कि आपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, लेकिन संकल्पों को आधिकारिक रूप से त्यागने का समय आ गया हैं।
संकल्पों के असफल होने के प्रमुख कारण
• लोग अपनी प्रतिबद्धता को सही से महसूस नहीं कर पाते। यह सिर्फ एक विचार या चिंतन होता है, जिससे संकल्पों को निभाने में कठिनाई होती है।
• संकल्पों को प्राथमिकता न देना और समय न निकाल पाना असफलता का एक प्रमुख कारण हैं।
• एक छोटी सी बाधा भी व्यक्ति को अपने संकल्पों से विचलित कर देती हैं।
• तत्काल परिणाम न देखने पर लोग हतोत्साहित हो जाते हैं और अपने संकल्पों से पीछे हटने लगते हैं।
• जब किसी व्यक्ति के पास अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए सहारा देने वाली कोई मदद प्रणाली नहीं होती, तो वह असफल हो जाता हैं।
• हम नए साल के संकल्प दिवस को क्यों पसंद करते हैं?
अवास्तविक लक्ष्यों से मुक्ति
• हम नए साल के संकल्प दिवस के माध्यम से उन अवास्तविक लक्ष्यों से मुक्ति पाते हैं, जिन्हें हम केवल समाज के दबाव में आकर तय करते हैं। अब हम यह समझ सकते हैं कि सच्ची सफलता तब मिलती है जब हम अपने लक्ष्यों को अपनी इच्छा से अपनाते हैं।
• जीवन में बदलाव बाहरी कारकों से नहीं, बल्कि आंतरिक प्रेरणा से आता है। यह दिन हमें यह एहसास दिलाता है कि हमें खुद को बदलने के लिए बाहरी तारीखों का इंतजार नहीं करना चाहिए।
• अब जब हम संकल्पों से मुक्त हो चुके हैं, तो हम कल से एक नई शुरुआत कर सकते हैं। छोटे कदमों से हम अपने जीवन में बड़े बदलाव ला सकते हैं।
इस नए साल के संकल्प दिवस को मनाते हुए हम खुद से यह वादा करते हैं कि हम अपनी यात्रा को अपने हिसाब से, अपने सही समय पर शुरू करेंगे। बेशक, यह यात्रा निरंतर होगी और इसमें हमारी असफलताएँ भी शामिल होंगी, लेकिन असल सफलता हमारे भीतर से आनी चाहिए, न कि किसी कैलेंडर की तारीख से।