Republic Day 2025: "स्वर्णिम भारत- विरासत और विकास" थीम के साथ भारत का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा, जानें महत्वपूर्ण जानकारी

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Last Updated: 1 दिन पहले

Republic Day: भारत इस वर्ष 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस अवसर पर विशेष रूप से "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" (Golden India: Heritage and Progress) थीम के तहत समारोह आयोजित किए जाएंगे। यह थीम भारत के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और निरंतर विकास को दर्शाने के लिए चुनी गई है। इस ऐतिहासिक अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया हैं।

मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो

हर वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत सरकार किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करती है। इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो को इस सम्मान के लिए चुना गया है। उनके भारत दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिल सकती है, विशेषकर व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्रों में।

"स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" थीम पर आधारित गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस का हर वर्ष एक विशिष्ट थीम के तहत आयोजन किया जाता है। इस वर्ष का थीम "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" है, जो देश की सांस्कृतिक धरोहर और तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करता है। यह थीम भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करने के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के विकास को भी दर्शाती हैं।
इस थीम के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि भारत अपने समृद्ध अतीत और भविष्य की प्रगति के साथ एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभर रहा हैं।

15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां प्रदर्शित होंगी

गणतंत्र दिवस की परेड में देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सांस्कृतिक झांकियां एक अहम आकर्षण का केंद्र बनती हैं। इस वर्ष, कर्तव्य पथ परेड में 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी। इनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटका, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के दृश्य प्रदर्शित किए जाएंगे।

इन झांकियों के माध्यम से प्रत्येक राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर, कला और विकास की उपलब्धियों को प्रस्तुत करेगा। केंद्र सरकार की 11 टुकड़ियां भी परेड में शामिल होंगी, जो भारतीय सेना, पुलिस और विभिन्न मंत्रालयों के योगदान को प्रदर्शित करेंगी।

गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक महत्वता

भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की थी, लेकिन यह 26 जनवरी 1950 को था जब भारतीय संविधान लागू हुआ और देश एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ। डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान को तैयार किया गया, जिसे 26 नवंबर 1949 को पूरा किया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे देशभर में लागू किया गया।

गणतंत्र दिवस भारत के लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता और न्याय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक हैं।

राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक परेड का आयोजन

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक होने वाली परेड में भारतीय सेना, जल, वायु सेना, पुलिस बलों और स्कूल बच्चों की शानदार भागीदारी होती है। इस परेड का मुख्य आकर्षण देश की सैन्य शक्ति और संस्कृति की विविधता होती है। इस वर्ष भी यह परेड विशेष रूप से आकर्षक होगी, जिसमें देशभर की प्रमुख झांकियां और समारोह प्रदर्शित होंगे।

गणतंत्र दिवस पर सार्वजनिक अवकाश

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिन सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थाओं में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यह दिन भारतीय नागरिकों के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि यह दिन भारत के संविधान के लागू होने का दिन हैं।

भारत का 76वां गणतंत्र दिवस 2025 एक ऐतिहासिक और गौरवमयी दिन होगा, जब देश अपनी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व और निरंतर विकास की दिशा को प्रदर्शित करेगा। इस दिन के समारोह में भाग लेने के लिए लाखों लोग कर्तव्य पथ पर मौजूद होंगे और भारतीय सेना, पुलिस बलों द्वारा आयोजित परेड का आनंद लेंगे।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो की उपस्थिति, राज्यों की सांस्कृतिक झांकियां और देश की सैन्य शक्ति को दर्शाती परेड इस दिन को और भी खास बना देगी। "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" थीम के तहत भारत का गणतंत्र दिवस न केवल हमारे अतीत की गौरव गाथाओं को जीवित करेगा, बल्कि देश के उज्जवल भविष्य की ओर भी मार्गदर्शन करेगा।

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