हर साल आज यानी 16 दिसंबर को "बेवकूफ़ खिलौना दिवस" मनाया जाता है, एक ऐसा दिन जब हम अपने बचपन के अजीबो-गरीब खिलौनों को याद करते हैं। ये वही खिलौने होते थे जिन्हें हम अपनी आँखें बंद होने तक अपने साथ लेकर सोते थे। चाहे वह मिस्टर पोटैटो हेड हो, बीनी बेबीज़, पेट रॉक या टैमगोचिस – हर किसी के पास कुछ ऐसे खिलौने होते हैं, जो हमें अब बेवकूफी भरे लगते हैं, लेकिन बचपन में वही हमारी दुनिया हुआ करते थे। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मूर्खताएँ, हमारे अजीब खिलौने कभी व्यर्थ नहीं होते, बल्कि वह हमारे बचपन का हिस्सा होते हैं, जिनके बिना हम खुद को अधूरा मानते हैं।
बेवकूफ खिलौना दिवस का इतिहास
खिलौने बच्चों के बचपन का अभिन्न हिस्सा होते हैं। इन खिलौनों से जुड़ी यादें हमें हर बार मुस्कान देती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो खिलौने आज हमें बेवकूफी लगे, बचपन में वे कितने महत्वपूर्ण हुआ करते थे? बीते हुए समय में कुछ खिलौने हमारी आँखों में सपने भरते थे और हमें उन खिलौनों से प्यार था, जिन्हें अब हम हास्यास्पद मानते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यही है कि हम अपने बचपन की अजीबो-गरीब वस्तुओं को याद करें और मुस्कुराकर उन्हें सम्मान दें।
बेवकूफ़ खिलौने: क्यों हम उनसे प्यार करते थे?
बेवकूफ़ खिलौने वे होते थे जिनका कोई खास उद्देश्य नहीं होता था, लेकिन फिर भी हम उनसे दिल लगा कर खेलते थे। चाहे वह खिलौने का अजीब आकार हो, किसी वस्तु का बिना किसी कारण घूमना या फिर उन खिलौनों की अजीब आवाजें – हम उनके साथ घंटों बिता सकते थे। ऐसे खिलौने अक्सर बहुत रंग-बिरंगे और आकर्षक होते थे, जिनसे हमारे मन को तसल्ली मिलती थी। वे कभी बदसूरत होते थे, तो कभी बेहद चिपचिपे, लेकिन फिर भी हम उन खिलौनों के बिना खुद को अधूरा महसूस करते थे।
बेवकूफ़ खिलौना दिवस पर क्या करें?
· क्या आपके पास वह पुराने खिलौने हैं जो अब गुम हो गए हैं या धूल से भरे पड़े हैं? इस दिन उन खिलौनों को निकालें और बचपन की यादों में खो जाएं। चाहे वह पुराने जॉयस्टिक हों, बोर्ड गेम्स के टूटे टुकड़े हों या वह लाइटिंग खिलौने हों, जो आपको अब बेवकूफी भरे लगते हों, फिर भी वे आपके बचपन के अमूल्य हिस्से हैं।
· जब हम बड़े हो जाते हैं तो हमें खिलौनों की अहमियत समझ में आती है। यदि आपके पास पुराने और अच्छे खिलौने हैं, तो उन्हें किसी बच्चे को दान करने का विचार करें। नए खिलौने और बोर्ड गेम्स को अपने नजदीकी पालन-पोषण केंद्र या अनाथालय में दान करें, ताकि कोई और बच्चा भी उन खिलौनों से खुश हो सके।
· बेवकूफ खिलौना दिवस पर आप अपने परिवार और बच्चों को बेवकूफ खिलौने दे सकते हैं। यह दिन उन पुरानी यादों को ताजा करने का एक बेहतरीन अवसर है। छोटे बच्चों को भी ऐसे खिलौने देने की परंपरा शुरू करें, जिनसे उन्हें भी वो पुरानी यादें मिल सकें जो आपके लिए खास थीं।
· यहां पर हम आपको बताएंगे 5 सबसे ज़्यादा बिकने वाले खिलौनों के बारे में, जिनकी बिक्री ने इतिहास रचा हैं।
· बच्चों का सपना, यह खिलौना कार फ्रेंचाइजी अब तक का सबसे अधिक कमाई करने वाला खिलौना हैं।
हंगरी के एर्नो रूबिक द्वारा डिज़ाइन किया गया यह रंगीन पहेली अब तक दूसरा सबसे अधिक बिकने वाला खिलौना हैं।
· यह प्यारी गुड़िया 6 बिलियन डॉलर से अधिक की बिक्री के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
· बच्चियों का प्रिय खिलौना, बार्बी अब तक चौथे स्थान पर है, जो एक पीढ़ीगत प्रतीक बन चुकी हैं।
· लेगो अब तक के सबसे ज़्यादा बिकने वाले खिलौनों की सूची में 5वें स्थान पर है, और यह बच्चों में अपनी खास पहचान बनाये हुए हैं।
हम बेवकूफ़ खिलौना दिवस को क्यों पसंद करते हैं?
· यह दिन हमें हमारे बचपन की उन हंसी-खुशी की यादों को ताज़ा करने का अवसर देता है।
· बेवकूफ़ खिलौनों के माध्यम से हम यह समझ पाते हैं कि जीवन की वह छोटी-छोटी खुशियाँ, जिन्हें हम बेवकूफी मानते हैं, वास्तव में कितनी महत्वपूर्ण होती हैं।
· हमारे बचपन की मूर्खताएँ हमें समझाती हैं कि जिंदगी में कोई गलती नहीं होती, बस सीखने का मौका मिलता है। यह दिन हमें हमारे अतीत को स्वीकार करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता हैं।
बेवकूफ़ खिलौना दिवस न केवल हमें बचपन की याद दिलाता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि हर चीज़ की अपनी कीमत होती है, चाहे वह कितनी भी बेवकूफ क्यों न हो। आज के समय में, जब बच्चों के पास आधुनिक और तकनीकी खिलौने हैं, यह दिन हमें याद दिलाता है कि वे पुराने दिन, वे पुराने खिलौने हमारे जीवन का हिस्सा थे और उन पर हंसी-मज़ाक करते हुए भी हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते।