World Soil Day 2024: इस साल की थीम क्या है? मृदा संरक्षण का संदेश और इतिहास

World Soil Day 2024: इस साल की थीम क्या है? मृदा संरक्षण का संदेश और इतिहास
Last Updated: 05 दिसंबर 2024

हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। यह दिन मिट्टी के महत्व और उसके संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करने के लिए समर्पित है। 2024 की थीम है “मृदा और जल: जीवन का स्रोत”, जो हमारी जीवन प्रणाली में मिट्टी और पानी की भूमिका को रेखांकित करती हैं।

मिट्टी का महत्व

मिट्टी केवल पौधों के लिए पोषण का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन के हर पहलू से जुड़ी है। यह भोजन, पानी के संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु संतुलन के लिए अत्यावश्यक हैं।

भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में, मिट्टी की गुणवत्ता गिरने से खाद्य सुरक्षा पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुंचा रहा हैं।

इतिहास

विश्व मृदा दिवस मनाने की शुरुआत 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (IUSS) ने की थी। इसे 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई। पहला विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर 2014 को मनाया गया। इस दिन को थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन से जोड़ा गया, जिन्होंने मृदा संरक्षण में अहम योगदान दिया।

मिट्टी संरक्षण के उपाय

समोच्च जुताई ढलान पर फसलें उगाने से मिट्टी का कटाव रोका जा सकता हैं।

सीढ़ीनुमा खेती पहाड़ी क्षेत्रों में यह विधि मिट्टी को स्थिर रखने में मदद करती हैं।

हरी खाद पोषण में कमी को पूरा करने के लिए हरी खाद का उपयोग प्रभावी हैं।

फसल चक्र विभिन्न फसलों के चक्र से मिट्टी को समय-समय पर पोषण मिलता रहता हैं।

केंचुए मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में केंचुए अत्यंत लाभकारी हैं।

खतरे और समाधान

हर 5 सेकंड में फुटबॉल के एक मैदान के बराबर मिट्टी का क्षरण हो रहा है। यह गंभीर स्थिति हमारी खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए खतरा है। जागरूकता और ठोस कदमों की जरूरत है, जैसे जैविक खेती को बढ़ावा देना और रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग को कम करना।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भारत में मिट्टी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। कई तीज-त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में माटी पूजन की परंपरा है। यह दर्शाता है कि हमारी जड़ें प्रकृति से कितनी गहराई से जुड़ी हैं।

मृदा संरक्षण केवल किसानों की जिम्मेदारी नहीं है; यह सामूहिक प्रयास की मांग करता है। इस विश्व मृदा दिवस पर, हमें मिट्टी के महत्व को समझने और उसके संरक्षण के लिए कदम उठाने का संकल्प लेना चाहिए।

क्या कर सकते हैं आप?

अपने आस-पास मिट्टी के कटाव को रोकने के छोटे-छोटे प्रयास करें, जैविक खाद का उपयोग करें और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें। याद रखें, मिट्टी बचाना हमारे भविष्य को बचाने जैसा हैं।

विश्व मृदा दिवस 2024 (World Soil Day 2024) का मुख्य विषय और थीम

"Caring for Soils: Measure, Monitor, Manage" है। यह विषय मृदा स्वास्थ्य और इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए मृदा डेटा और जानकारी के महत्व पर जोर देता है। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना, कार्बन संग्रहण में सुधार करना और जैव विविधता की रक्षा करना हैं।

यह दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है और इस वर्ष इसे सतत मृदा प्रबंधन और जलवायु अनुकूल दृष्टिकोणों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित गतिविधियों के साथ मनाया जाएगा।

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