अगर आपकी गाड़ी पेट्रोल, डीजल या CNG से चलती है तो आपको Pollution Under Control (PUC) Certificate रखना अनिवार्य है। यह सर्टिफिकेट न सिर्फ आपकी गाड़ी की पर्यावरणीय स्थिति को प्रमाणित करता है, बल्कि इसे न रखने पर चालान और जुर्माने का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते इसे बनवा लें और रिन्यू भी कराते रहें। अच्छी बात ये है कि अब इसे बनवाना बेहद आसान हो गया है – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से। आइए जानते हैं कि आप घर बैठे या फिर पास के सेंटर पर जाकर यह जरूरी दस्तावेज कैसे हासिल कर सकते हैं।
PUC सर्टिफिकेट क्या है और क्यों जरूरी है?
PUC सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि आपके वाहन से निकलने वाला धुआं भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप है या नहीं। यह सर्टिफिकेट गाड़ियों की पर्यावरणीय जांच के बाद जारी किया जाता है और इसके जरिए यह साबित होता है कि वाहन वातावरण को हानिकारक गैसों से अधिक प्रदूषित नहीं कर रहा। यह नियम दोपहिया, चारपहिया और वाणिज्यिक वाहनों पर समान रूप से लागू होता है।
ऑनलाइन बनवाएं PUC सर्टिफिकेट - घर बैठे आसान प्रक्रिया
अब PUC सर्टिफिकेट पाने के लिए ट्रैफिक ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। आप इसे आसानी से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए आपको परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा:
1. वेबसाइट खोलें: https://vahan.parivahan.gov.in/puc
2. PUC Certificate ऑप्शन पर क्लिक करें।
3. अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर के अंतिम 5 अंक दर्ज करें।
4. स्क्रीन पर दिख रहे वेरिफिकेशन कोड भरें और सबमिट करें।
5. आपके वाहन की PUC डिटेल्स स्क्रीन पर आ जाएंगी।
6. Download / Print PUC Certificate पर क्लिक करके सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लें।
ऑफलाइन बनवाने का तरीका
अगर आपके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है या आप पारंपरिक तरीका अपनाना चाहते हैं तो आप नजदीकी Emission Testing Centre पर जाकर यह सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं।
1. अपनी गाड़ी सेंटर पर लेकर जाएं।
2. ऑपरेटर आपकी गाड़ी के साइलेंसर में एमिशन चेकिंग डिवाइस लगाएगा।
3. गाड़ी स्टार्ट कर रेस दी जाएगी ताकि धुएं की मात्रा नापी जा सके।
4. रिपोर्ट तुरंत तैयार होगी और उसी वक्त प्रिंट निकाल कर आपको सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा।
PUC सर्टिफिकेट कब और कितनी बार बनवाना चाहिए?
- नई गाड़ियों के लिए पहला PUC सर्टिफिकेट एक साल तक वैध होता है।
- उसके बाद हर 6 महीने में इसकी वैधता खत्म होती है, इसलिए रिन्यू करवाना जरूरी है।
- जांच के दौरान मानक से अधिक प्रदूषण पाया गया तो तुरंत गाड़ी की मरम्मत कराना अनिवार्य हो जाता है।
PUC सर्टिफिकेट न होने पर चालान
अगर आपकी गाड़ी के पास वैध PUC सर्टिफिकेट नहीं है तो आपको ₹1000 से ₹10,000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। कुछ मामलों में गाड़ी जब्त भी की जा सकती है। PUC सर्टिफिकेट केवल एक कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आपकी भागीदारी का प्रमाण है। इसे समय पर बनवाएं और रिन्यू करते रहें ताकि न सिर्फ जुर्माने से बचा जा सके, बल्कि साफ हवा में सांस लेना भी सुनिश्चित हो सके।