कैंसर दुनियाभर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है, जो न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों को भी तेजी से प्रभावित कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 15 फरवरी (आज) को 'इंटरनेशनल चाइल्डहुड कैंसर डे' (International Childhood Cancer Day 2025) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य बचपन में होने वाले कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़ाना और इससे पीड़ित बच्चों, उनके परिवारों और बचे हुए मरीजों को समर्थन देना हैं।
ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) बच्चों को कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है। इस बारे में गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल की आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी की क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. पल्लवी वसल का कहना है कि मां का दूध नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्रेस्टफीडिंग से शरीर में एंटीबॉडीज और आवश्यक पोषक तत्व पहुंचते हैं, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में सहायक होते हैं।
इसके अलावा, शोध बताते हैं कि जिन बच्चों को छह महीने या उससे अधिक समय तक स्तनपान कराया जाता है, उनमें ल्यूकेमिया (Leukemia) और अन्य कैंसर का खतरा कम हो सकता है। इसीलिए माता-पिता को बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ब्रेस्टफीडिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मां का दूध क्यों जरूरी है?
डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, स्तनपान (Breastfeeding) मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। शोध बताते हैं कि जिन बच्चों को छह से सात महीने तक ब्रेस्टफीड कराया जाता है, उनमें बचपन में ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) विकसित होने का जोखिम काफी कम होता है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि कम से कम सात से आठ महीने तक स्तनपान कराने से ल्यूकेमिया का खतरा लगभग 20% तक कम हो सकता है। यह अध्ययन इस बात पर भी जोर देता है कि मां का दूध न केवल बच्चों को पोषण देता है, बल्कि उनके शरीर को गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता हैं।
मां के दूध के फायदे
* इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है – मां के दूध में एंटीबॉडी और इम्यून फैक्टर्स होते हैं, जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
* संक्रमण से सुरक्षा – यह दूध न केवल सामान्य सर्दी-जुकाम से बचाता है, बल्कि ल्यूकेमिया जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
* सही विकास में सहायक – स्तनपान से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होता है, जिससे वे भविष्य में हेल्दी बने रहते हैं।
कैंसर से लड़ने में मां का दूध कैसे मदद करता है?
मां के दूध में ओमेगा-3 फैटी एसिड और कॉन्जुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर से लड़ने की क्षमता रखते हैं। ये तत्व ब्लड कैंसर सहित कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद प्रोटेक्टिव एजेंट कैंसर की संभावना को कम करते हैं और बच्चे के संपूर्ण स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसलिए, शिशु को मां का दूध पिलाना न सिर्फ उसके पोषण के लिए बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए भी बेहद जरूरी हैं।