आजकल कई खाद्य उत्पादों के पैकेट पर ‘No-Added Sugar’ और ‘Sugar-Free’ जैसे लेबल देखे जाते हैं। हालांकि लोग अक्सर इन दोनों को एक जैसा समझ लेते हैं, लेकिन इनके बीच महत्वपूर्ण अंतर होता है। यह आर्टिकल सरल भाषा में समझाएगा कि इन दोनों शब्दों का क्या मतलब है, इनके पीछे क्या वैज्ञानिक तर्क है, और किस स्थिति में कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर रहेगा।
‘No-Added Sugar’ क्या है?
‘No-Added Sugar’ का अर्थ होता है कि उत्पाद में कोई अतिरिक्त शुगर या मीठा पदार्थ बाहर से नहीं जोड़ा गया है। यह ध्यान देना जरूरी है कि इसका मतलब यह नहीं कि उस उत्पाद में शुगर बिल्कुल नहीं है। क्योंकि कई बार प्राकृतिक रूप से शुगर मौजूद होती है, जैसे कि फलों में फ्रुक्टोज़ और दूध या डेयरी उत्पादों में लैक्टोज़।
उदाहरण के लिए, किसी फल के जूस में ‘No-Added Sugar’ लिखा हो तो इसका अर्थ होगा कि जूस में फलों की प्राकृतिक मिठास है, लेकिन कोई अतिरिक्त चीनी या स्वीटनर नहीं मिलाया गया है। इस तरह के उत्पाद स्वास्थ्य के लिहाज से थोड़े बेहतर माने जाते हैं, क्योंकि वे अतिरिक्त शुगर के सेवन को कम करते हैं।
फूड साइंस के अनुसार, प्राकृतिक शुगर भी कार्बोहाइड्रेट के रूप में शरीर में ऊर्जा का स्रोत होती है, लेकिन बाहरी रूप से डाली गई चीनी से कैलोरी अधिक होती है और यह कई बार स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से जुड़ी होती है।
‘Sugar-Free’ का मतलब
‘Sugar-Free’ प्रोडक्ट्स में शुगर की मात्रा नगण्य होती है या बिल्कुल नहीं होती। इन उत्पादों में न तो प्राकृतिक शुगर होती है और न ही कोई अतिरिक्त शुगर मिलाई जाती है। मिठास के लिए इन प्रोडक्ट्स में आर्टिफिशियल या प्राकृतिक स्वीटनर जैसे स्टेविया, सुक्रालोज़, या अन्य नॉन-शुगर स्वीटनर का उपयोग किया जाता है।
यह विकल्प विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है जिन्हें डायबिटीज़ या किसी अन्य स्वास्थ्य कारण से शुगर का सेवन सीमित करना होता है। क्योंकि ये स्वीटनर ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित नहीं करते और कैलोरी की मात्रा भी कम होती है।
दोनों में मुख्य अंतर
पहलू | No Added Sugar | Sugar-Free |
अतिरिक्त चीनी | नहीं जोड़ी जाती | बिल्कुल नहीं होती |
प्राकृतिक चीनी | हो सकती है | नहीं होती |
मिठास का स्रोत | नेचुरल शुगर | आर्टिफिशियल स्वीटनर |
उपयुक्तता | आम लोगों के लिए | डायबिटिक और शुगर कंट्रोल करने वालों के लिए |
कौन-सा विकल्प चुनें?
आपके लिए सही विकल्प चुनना आपकी स्वास्थ्य स्थिति, जीवनशैली और डाइटरी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। यदि आप सामान्य तौर पर शुगर सेवन कम करना चाहते हैं और स्वाद से ज्यादा समझौता नहीं करना चाहते, तो ‘No-Added Sugar’ वाले उत्पाद बेहतर हैं। ये उत्पाद अतिरिक्त शुगर से बचाते हैं लेकिन प्राकृतिक मिठास बरकरार रखते हैं।
वहीं यदि आपको डायबिटीज़ है या आप कैलोरी कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ‘Sugar-Free’ विकल्प अधिक उपयुक्त रहेंगे। ये उत्पाद आपको मिठास का अनुभव देते हैं लेकिन बिना शुगर के, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
विशेषज्ञों की सलाह
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, खाद्य पदार्थों के पैकेट पर दिए गए लेबल को समझना जरूरी है। ‘No-Added Sugar’ का मतलब यह नहीं कि उत्पाद पूरी तरह शुगर-मुक्त है, इसलिए यदि आप अपने शुगर सेवन को गंभीरता से नियंत्रित करना चाहते हैं तो ‘Sugar-Free’ विकल्प चुनना बेहतर होगा।
रियलिटी यह है कि किसी भी तरह की मिठास — प्राकृतिक हो या आर्टिफिशियल — का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अत्यधिक मिठास से स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं, जैसे मोटापा और हृदय रोग, हो सकती हैं। इसलिए संतुलित और नियंत्रित आहार सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।
खाद्य उत्पादों पर ‘No-Added Sugar’ और ‘Sugar-Free’ के बीच फर्क जानना आवश्यक है ताकि आप अपनी सेहत के अनुसार सही निर्णय ले सकें। ‘No-Added Sugar’ वाले उत्पादों में प्राकृतिक मिठास होती है और कोई अतिरिक्त चीनी नहीं डाली जाती, जबकि ‘Sugar-Free’ उत्पाद पूरी तरह शुगर रहित होते हैं और इनमें मिठास के लिए स्वीटनर का उपयोग होता है।
अपने स्वास्थ्य और डाइटरी जरूरतों के आधार पर उचित विकल्प चुनें। पैकेट पर लिखे लेबल को ध्यान से पढ़ें और अपनी जरूरत के अनुसार फैसला लें। यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा।