हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जो कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके उपचार व रोकथाम के लिए संसाधनों को जुटाने के लिए समर्पित है। 2025 के विश्व कैंसर दिवस पर, प्रोस्टेट कैंसर जैसे पुरुषों से संबंधित कैंसर की स्थिति पर जागरूकता फैलाने और इसके शीघ्र निदान के लिए जानकारी देने का महत्व और भी बढ़ जाता हैं।
प्रोस्टेट कैंसर की पहचान समय पर हो जाए तो इसका इलाज संभव है। नियमित स्वास्थ्य जांच और कैंसर से संबंधित लक्षणों पर ध्यान देना पुरुषों के लिए जरूरी हैं।
क्या है प्रोस्टेट कैंसर?
प्रोस्टेट कैंसर, पुरुषों में स्किन कैंसर के बाद दूसरा सबसे आम कैंसर है। यह तब होता है जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होती है और वीर्य द्रव का उत्पादन करती है, जो शुक्राणुओं को पोषण देने का काम करता है। ज्यादातर मामलों में, प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और यदि यह फैलता भी है, तो इसका इलाज संभव होता है। प्रोस्टेट कैंसर का सबसे आम प्रकार एडेनोकार्सिनोमा है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता हैं।
भारत में, 2016 तक यह पुरुषों में पाँचवां सबसे आम कैंसर था, और अब पिछले कुछ वर्षों में इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। दिल्ली, कोलकाता, पुणे और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े शहरों में, यह पुरुषों में दूसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर बन गया हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के आम लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, और इसके शुरुआती लक्षणों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। इसके बावजूद, यदि आप इन लक्षणों में से किसी का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। यहां कुछ आम लक्षण दिए गए हैं जो प्रोस्टेट कैंसर के संकेत हो सकते हैं:
1. पेशाब में मुश्किल
पेशाब करते समय दर्द या जलन होना।
बार-बार पेशाब जाना, खासकर रात में।
पेशाब करने में असहजता और कठिनाई होना।
पेशाब और वीर्य में खून आना।
2. पेशाब करने में परेशानी
पेशाब करते समय कठिनाई होना।
पेशाब की धार में बदलाव, जैसे कि कमजोर या अनियमित प्रवाह।
बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, खासकर रात में।
3. हड्डियों में दर्द
यह दर्द आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों या जांघों में होता है।
4. इरेक्टाइल डिसफंक्शन (लिंग संबंधी समस्या)
इरेक्शन हासिल करने या बनाए रखने में कठिनाई।
कम कठोर इरेक्शन।
यौन इच्छा में कमी।
5. पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे में दर्द
यह दर्द आमतौर पर लंबे समय तक रहता है।
तेज़ी में उतार-चढ़ाव होता है लेकिन कभी भी पूरी तरह से गायब नहीं होता है।
दर्द गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है, जिससे सामान्य गतिविधियां चुनौतीपूर्ण हो जाती हैं।
दर्दनाक स्खलन (पेनफुल इजैकुलेशन):
प्रोस्टेट कैंसर के अन्य लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर के कुछ और सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. शरीर के अंगों में सूजन
पैर, पैर के पंजे या कमर के आस-पास सूजन या पानी जमा हो सकता है।
इससे चलने-फिरने में भी दिक्कत हो सकती है।
2. अचानक वजन घटना
बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन घटना भी प्रोस्टेट कैंसर का एक संकेत हो सकता है।
कैंसर कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं, जिससे शरीर की ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है।
3. पीठ, कंधों या हड्डियों में दर्द
जब प्रोस्टेट कैंसर हड्डियों में फैलता है, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द हो सकता है।
यह दर्द लगातार या थोड़ी-थोड़ी देर बाद हो सकता है और हल्का या तेज़ भी हो सकता है।
4. थकान
अत्यधिक थकान महसूस होना भी एक आम लक्षण है।
यह थकान आराम करने के बावजूद ठीक नहीं होती और बीमारी के बढ़ने के साथ मानसिक तनाव और शारीरिक बदलावों के कारण और बढ़ सकती है।
5. पाचन तंत्र में बदलाव
कब्ज, दस्त या पतला मल भी प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
यह तब हो सकता है जब ट्यूमर बड़ी आंत पर दबाव डालता है, जिससे पेट की आदतों में बदलाव आता हैं।